Karnataka Government Formation: कर्नाटक में शनिवार (20 मई) को शपथ ग्रहण समारोह होगा. इससे पहले सीएम बनने जा रहे सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम बनने जा रहे डीके शिवकुमार शुक्रवार (18 मई) को दिल्ली पहुंचे हैं. शिवकुमार ने बताया कि मैं यहां पर अपने नेताओं को व्यक्तिगत तौर पर आमंत्रण देने आया हूं क्योंकि उन्होंने पसीना बहाया है. हालांकि दोनों नेता मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले मंत्रियों के नाम पर पार्टी आलाकमान से बात करने भी आए हैं. दोनों नेता इसको लेकर कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के आवास पर पहुंच गए हैं.
कांग्रेस विधायक दल की गुरुवार (19 मई) को हुई बैठक में सिद्धरमैया को औपचारिक रूप से नेता चुन लिया गया जिसके बाद उन्होंने राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया. शिवकुमार ने दिल्ली रवाना होने से पहले कहा, ‘‘सिद्धारमैया, कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला और मैं दिल्ली जाएंगेय हम पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात करेंगे और मंत्रिमंडल के गठन पर बातचीत करेंगे.''
क्या चुनौती है?
शिवकुमार ने कहा मंत्रिमंडल आदि के बारे में आपको बाद में पता चलेगा. हम आपको (मीडिया को) बिना बताए कुछ नहीं करेंगे, किसी अटकल की जरूरत नहीं है. हम मिलकर काम करेंगे. सिद्धारमैया के सामने पहली चुनौती सही संतुलन के साथ मंत्रिमंडल के गठन की होगी जिसमें सभी समुदायों, धर्म, वर्गों और पुरानी तथा नयी पीढ़ियों के विधायकों का प्रतिनिधित्व हो.
कर्नाटक मंत्रिमंडल में मंत्रियों की स्वीकृत संख्या 34 है और अनेक विधायक मंत्री पद की आकांक्षा रखते हैं. कर्नाटक की जनता की आवाज को सरकार की आवाज बताते हुए शिवकुमार ने कहा, ‘‘हमारे सभी राष्ट्रीय नेता (शपथ ग्रहण समारोह के लिए) आ रहे हैं. हम कैबिनेट की पहली बैठक में अपनी सभी गारंटियों को लागू करेंगे. हम अपने वादे को पूरा करेंगे.
किन विपक्षी नेताओं को बुलाया?
बता दें कांग्रेस ने शपथ ग्रहण समारोह में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, नेशनल कांफ्रेस के नेता फारूक अब्दुल्ला, बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे और कुछ अन्य विपक्षी नेताओं को बुलाया है.