कर्नाटक सरकार ने सड़क परिवहन निगमों के कर्मचारियों की बेमियादी हड़ताल पर शुक्रवार को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया. कई मुद्दों पर हड़ताल तीन दिन से जारी थी जिससे राज्य की बस सेवा प्रभावित हो रही थी. श्रम विभाग ने जनता को हो रही असुविधा का हवाला देते हुए प्रतिबंध के आदेश जारी किए. विभाग ने कहा कि हड़ताल उद्योग विवाद कानून के प्रावधानों के विरुद्ध है.


विभाग की ओर से कहा गया कि विवाद को औद्योगिक न्यायाधिकरण बेंगलुरु में निर्दिष्ट कर दिया गया है. इससे पहले मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने कर्मचारियों से काम पर लौटने की अपील की थी और स्पष्ट कर दिया था कि छठे वेतन आयोग के मुताबिक उनकी मांगों को पूरा करना संभव नहीं है. राज्य सरकार ने ये स्पष्ट कर दिया कि सरकार छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू नहीं करेगी. उनकी मांग जायज नहीं है. वहीं, हड़ताल कर रहे कर्मचारी अपनी मांग वापस नहीं ले रहे हैं, जिसकी वजह से आम लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बेंगलुरु सहित पूरे राज्य में बस सेवा ठप है. दूर के इलाकों से ऑफिस आने वाले कर्मचारियों को भी काफी कठिनाई होती है.


मुख्यमंत्री ने की ये खास अपील 


मुख्यमंत्री ने हड़ताल कर रहे कर्मचारियों से वापस काम पर लौटने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि उनकी मांग को पूरा नहीं किया जा सकता, इसलिए उन्हें अपने काम पर लौट आना चाहिए. राज्य सरकार ने हड़ताल कर रहे कर्मचारियों की अधिकतर मांगें मान ली हैं. मुख्यमंत्री ने कहा, "आप खुद सोचें कि जो मांग पूरी नहीं की जा सकती उसके लिए जिद कराना जायज है." उन्होंने कहा कि उनकी इस जिद की वजह से लोग काफी परेशानी का सामना कर रहे हैं.


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