Karnataka Muzrai Department: कर्नाटक सरकार ने विवाद बढ़ने के बाद शुक्रवार (18 अगस्त) को मुजराई विभाग के उस आदेश को वापस ले लिया, जिसमें राज्य के स्वामित्व वाले मंदिरों को विकास कार्यों के लिए पैसे देने से रोक दिया गया था. इस आदेश के बाद बीजेपी (BJP) ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी थी और जबकि समर्थक हिंदू संगठनों ने इसे हिंदू विरोधी करार दिया था.


मुजराई मंत्री आर रामलिंगा रेड्डी ने साफ किया कि सरकार का कभी भी मंदिरों में विकास कार्य रोकने का इरादा नहीं था और उसने केवल चल रहे विकास कार्यों पर एक रिपोर्ट मांगी थी. टीओआई के अनुसार, मंत्री ने पिछली बीजेपी सरकार के तहत हर मंदिर के लिए मंजूर की गई राशि, अब तक जारी पैसा और परियोजनाओं की वर्तमान स्थिति पर मुजराई विभाग से 30 अगस्त तक विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी. 


कर्नाटक सरकार ने आदेश लिया वापस


मुजराई विभाग ने 14 अगस्त को एक आदेश जारी कर विभाग के सभी उपायुक्तों और जिला अधिकारियों को सरकार के दायरे में आने वाले मंदिरों में चल रहे विकास कार्यों को रोकने के लिए कहा था. इसपर विवाद बढ़ने के बाद रामलिंगा रेड्डी ने कहा कि ये आदेश वापस ले लिया गया है.


उन्होंने कहा कि हम केवल नवीनीकरण कार्य के लिए आवंटित किए जा रहे पैसे की स्थिति देख रहे थे और मंदिर परिसर में चल रहे काम को रोकने का हमारा कोई इरादा नहीं था. इस मामले पर मुजराई विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि मंत्री की मौजूदा स्थिति पर रिपोर्ट के निर्देश को गलत समझे जाने के कारण मंदिरों में सभी विकास कार्य रुक गए. 


बीजेपी ने कांग्रेस पर लगाया आरोप


बीजेपी और हिंदू संगठनों ने सरकार पर आस्था के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया. पूर्व मंत्री शशिकला जोले ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया कि उनके समय में मंदिरों के विकास कार्यों के लिए फंड की पहली किस्त जारी की गई थी, लेकिन मई में हुए विधानसभा चुनाव से पहले आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण दूसरी किस्त जारी नहीं की जा सकी थी. 


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