बेंगलुरु: कर्नाटक का सियासी नाटक गुरुवार को सदन के अंदर भी दिन-भर चलता रहा. बिना बहुमत परीक्षण के ही स्पीकर ने विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी. इसके विरोध में बीजेपी विधायक धरने पर बैठ गए और विधानसभा के अंदर ही रात गुजारी. इस नाटक के बाद राज्यपाल वजुभाई वाला ने सीएम कुमारस्वामी को चिट्ठी लिखकर आज दोपहर डेढ़ बजे तक विश्वास मत परीक्षण कराने का कहा है. बीजेपी कल से ही विधानसभा में डटी हुई है.




कुमारस्वामी के पास विधायकों के पूरे नंबर नहीं हैं इसी वजह से सरकार की सांस अटकी है. कल यानी गुरुवार को सदन के अंदर एक दूसरे पर आरोप लगाकर सिर्फ टाइम पास होता रहा. स्पीकर ने पहले ही वक्ताओं के लिए समय सीमा तय करने से मना कर दिया था और बहस लंबी होती चली गई. कल जब सदन में विश्वास मत पेश हुआ तो 16 बागी समेत 19 विधायक गैरहाज़िर थे.


ऐसे में अगर आज भी सदन में बहस होती रहेगी तो कल शनिवार और परसों रविवार, मतलब आगे की कार्यवाही सोमवार को होगी और कुमारस्वामी भी शायद ऐसा ही चाहेंगे. कुमारस्वामी को इंतज़ार तो बीजेपी विधायकों के आपा खोने का भी है ताकि उन्हें सदन से निलंबित किया जा सके. और बहुमत परीक्षण में इसका फायदा उठाकर सरकार बचा ली जाए.


कर्नाटक के सियासी नाटक के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बीजेपी ने विधायकों को अगवा किया है और चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिश हो रही है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'कर्नाटक में बीजेपी विधायकों को अगवा करने का खेल खेल रही है. चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिश हो रही है. धन बल से विधायकों को ख़रीदने का प्रयास किया जा रहा है. राजनीतिक दलो को अपनी पार्टी के सदस्यों पर व्हिप लगाने का अधिकार संविधान के तहत है. विधानसभा या संसद मे क्या होगा ये वही लोग तय करेंगे? ये कोई पहली बार नहीं है जब बीजेपी ने ऐसा किया है. गोवा अरुणाचल , मेघालय , जम्मू और कश्मीर बिहार जैसे काफ़ी उदाहरण है.''