DK Shivakumar CBI Probe: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में चल रही सीबीआई जांच को रद्द करने के लिए राज्य सरकार ने गुरुवार (23 नवंबर) को एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. यह प्रस्ताव कर्नाटक के गृह विभाग ने मंत्रिमंडल को पेश किया था.  


कर्नाटक की पूर्व बीजेपी सरकार ने डीके शिवकुमार के खिलाफ मामला सीबीआई को सौंपा था. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रस्ताव पर राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी के बारे में बात करते हुए कर्नाटक के मंत्री एचके पाटिल ने कहा कि मामले को सीबीआई को सौंपने का पूर्व सरकार का फैसला कानून के अनुरूप नहीं था. उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी ने सीबीआई को जांच सौंपने से पहले विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति नहीं ली थी.


डीके शिवकुमार के कार्यालय ने ये कहा


प्रस्ताव में यह भी मांग की गई है कि जांच को राज्य के पुलिस विभाग को सौंपा जाए. रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि डीके शिवकुमार के कार्यालय के मुताबिक, राज्य में आय से ज्यादा संपत्ति के 577 मामले सामने आए थे लेकिन उनमें कोई भी सीबीआई को नहीं सौंपा गया, उन्हें या तो आपराधिक जांच विभाग (CID), एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) या राज्य में लोकायुक्त को सौंपा गया था, केवल डीके शिवकुमार का मामला कर्नाटक की पूर्व बीजेपी सरकार की ओर से सीबीआई को ट्रांसफर किया गया था.


सूत्रों ने कहा कि शिवकुमार के कार्यालय के अनुसार, कांग्रेस विधायक जमीर अहमद खान पर भी इसी तरह के आरोप लगे थे लेकिन बीजेपी सरकार ने उनके मामले को लोकायुक्त को ट्रांसफर करने का फैसला किया था.


2018 में सीबीआई ने दर्ज की थी शिवकुमार खिलाफ एफआईआर


2018 में सीबीआई ने डीके शिवकुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी और तत्कालीन मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा 2019 में केस को जांच एजेंसी को सौंपने पर सहमत हुए थे.


वहीं, शिवकुमार ने कर्नाटक हाई कोर्ट से पहले की बीजेपी नीत येदियुरप्पा सरकार के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया था लेकिन इस साल अप्रैल में अदालत ने उनके अनुरोध को खारिज कर दिया था. हालांकि, कोर्ट ने कहा था कि वह इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगा क्योंकि सीबीआई की जांच लगभग पूरी हो चुकी है.


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