Karnataka Bill Against NEET: देश में नीट को लेकर मचे बवाल के बीच एक राज्य ने फैसला किया है कि अब वह अपने यहां इस मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम को नहीं होने देगा. दरअसल, हम कर्नाटक की बात कर रहे हैं, जहां नीट पेपर लीक को मचे घमासान के बीच नए विधेयक को पास कर दिया गया है. कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार ने नीट को रद्द करने के प्रस्ताव वाले विधेयक को अपनी सहमति दी है. राज्य कैबिनेट की सोमवार (22 जुलाई) को हुई बैठक में यह प्रस्ताव बनकर पास हुआ.


कर्नाटक में लाया गया ये विधेयक नीट एग्जाम के खिलाफ है. इसमें नीट के बजाय किसी अन्य मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम करवाने या फिर नीट को कर्नाटक में कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) से जोड़ने का प्रस्ताव है. विधेयक को कर्नाटक विधान सौधा में पेश किया जाएगा. इसमें सरकार से आग्रह किया गया है कि राज्य को 12वीं क्लास के नंबर के आधार पर मेडिकल कोर्सेज में एडमिशन की इजाजत दी जाए. नीट लागू होने से पहले इसी तरह से मेडिकल कॉलेज में एडमिशन किया जाता था.


मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए देनी होगी प्रतियोगी परीक्षा


दरअलस, कर्नाटक सरकार की तरफ से ये फैसला ऐसे समय पर लिया गया है, जब नीट यूजी एग्जाम में कथित पेपर लीक को लेकर देशभर में बवाल मचा हुआ है. अगर ये विधेयक राज्य विधानसभा से पास हो जाता है तो कर्नाटक के मेडिकल कॉलेजों में अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज में एडमिशन के लिए छात्रों को राज्य की प्रतियोगी परीक्षा देनी होगी. उन्हें नीट से आजादी मिल जाएगी. हालांकि, अभी तक ये साफ नहीं हुआ है कि नीट की जगह लेने वाले एग्जाम को क्या कहा जाएगा. 


तमिलनाडु में भी नीट के खिलाफ पास हुआ प्रस्ताव


पिछले महीने द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार ने भी नीट के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया था. डीएमके सरकार ने केंद्र से कहा था कि वह राज्य सरकारों को मेडिकल कोर्सेज में एडमिशन की इजाजत दे. मनिथानेया मक्कल काची, मरुमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, तमिलगा वेट्री कड़गम और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) सहित कई क्षेत्रीय दलों ने डीएमके सरकार के प्रस्ताव का समर्थन भी किया. 


डीएमके सांसद के कनिमोझी ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, "तमिलनाडु लगातार कह रहा है कि हम नीट नहीं चाहते हैं.अब यह साबित हो चुका है कि नीट निष्पक्ष एग्जाम नहीं है और इसकी वजह से छात्रों को बहुत नुकसान हो रहा है. हम चाहते हैं कि नीट खत्म हो जाए. हमने अपनी विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया है और इस पर अभी भी राष्ट्रपति के साइन होना बाकी हैं."


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