Karnataka: कर्नाटक के स्कूलों में मिड डे मील में अंडा देने से बच्चों को फायदा या नुकसान? स्टडी में हुआ ये खुलासा
Mid Day Meals: कर्नाटक सरकार की ओर से किए गए अध्ययन में कहा गया कि मिड डे मील में अंडे और कुछ हद तक केले देने की शुरूआत के कारण लड़कों और लड़कियों दोनों के बॉडी मास इंडेक्स (BMI) में सुधार हुआ.
Karnataka Mid Day Meals: कर्नाटक के कई राज्यों में छात्र-छात्राओं को मिड डे मील (Mid Day Meals) के तहत अंडा (Egg) दिया जा रहा है. कर्नाटक सरकार (Karnataka Govt) की ओर से किए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि मिड डे मील में अंडे बच्चों के विकास में मदद करते हैं. स्डडी में खुलासा हुआ है कि मिड डे मील के हिस्से के रूप में अंडे दिए जाने वाले बच्चों के विकास में अहम सुधार हुए. आठवीं क्लास की लड़कियों का वजन उनके साथियों की तुलना में 71% अधिक है, जिन्हें अंडे नहीं दिए गए थे. कर्नाटक सरकार की ओर से दो जिलों में 4,500 से अधिक छात्रों को कवर करने हुए ये अध्ययन किया गया.
कर्नाटक सरकार की ओर से किए गए इस अध्ययन में कहा गया है कि मिड डे मील में अंडे और कुछ हद तक केले देने की शुरूआत के कारण लड़कों और लड़कियों दोनों के बॉडी मास इंडेक्स (BMI) में सुधार हुआ है.
मिड डे मील में अंडे से कितना फायदा?
स्टडी में साफ तौर से कहा गया है कि अंडे परोसने से स्कूली बच्चों के विकास में मदद मिल रही है. यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 पर कर्नाटक सरकार की एक अन्य समिति की रिपोर्ट का खंडन करता है, जिसमें कहा गया था कि मिड डे मिल में अंडे और मांस परोसने से जीवनशैली संबंधी विकार हो सकते हैं. तीन महीने के लंबे अध्ययन के तहत, दिसंबर 2020 और मार्च 2021 के बीच बच्चों के विकास और पोषण पर प्रभाव पर अधिकारियों ने छात्रों को अंडे परोसे, जबकि गडग के लोगों को दूध के साथ नियमित शाकाहारी भोजन उपलब्ध कराया जाता था.
अंडे का विकल्प क्या है?
देश में मिड डे मील या किसी अन्य पूरक पोषण कार्यक्रम के प्रभाव पर ऐसा कोई पिछला अध्ययन नहीं है. रिपोर्ट में कहा गया है कि निष्कर्ष कर्नाटक के सभी जिलों, विशेष रूप से कल्याण क्षेत्र में अतिरिक्त प्रोटीन और कैलोरी की जरूरत को रेखांकित करते हैं. ये क्षेत्र सामाजिक-आर्थिक स्थिति और शिक्षा के मामले में सबसे पिछड़े में से एक है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि केले, अपने सभी लाभों के लिए, अंडे का विकल्प नहीं हो सकते हैं.
मिड डे मील स्टडी में कौन-कौन शामिल?
कर्नाटक (Karnataka) राज्य ग्रामीण विकास और पंचायत राज यूनिवर्सिटी की एक 15 सदस्यीय टीम, जिसमें खाद्य वैज्ञानिक, सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ और अर्थशास्त्री शामिल थे. टीम के सदस्यों ने यादगीर (Yadgir) और गडग जिलों (Gadag Districts) के बच्चों में औसत हाइट, औसत वजन और औसत बीएमआई (BMI) में परिवर्तन की निगरानी की. इसमें क्लास 1 से 8 तक के छात्र शामिल हुए. रिपोर्ट मिड डे मील में अधिक प्रोटीन और कैलोरी की जरूरत को रेखांकित करती है, खासकर उन जिलों में जो अंडे (Egg in Mid Day Meals) नहीं परोसते हैं. वर्तमान में, कर्नाटक के सात जिलों में मिड डे मील या पीएम पोषण योजना के तहत अंडे परोसे जाते हैं. बता दें कि कर्नाटक में मिड डे मील में अंडे परोसने को लेकर विवाद रहा है.
ये भी पढ़ें:
Assam: फेसबुक पर हुआ HIV पॉजिटिव लड़के से इश्क, प्यार साबित करने के लिए युवती ने उठाया ये खौफनाक कदम