Karnataka Hanuman Controversy News: दक्षिण भारत के कर्नाटक में मांड्या के पास केरागोडु गांव में अधिकारियों की ओर से 108 फुट ऊंचे पोल पर लगाए गए भगवान हनुमान की छवि वाले भगवा झंडे को हटाने को लेकर पनपा विवाद फिलहाल थमता नहीं दिख रहा. सोमवार (29 जनवरी, 2024) को भी ग्रामीणों और विपक्षी कार्यकर्ताओं का इस मसले पर विरोध दिखा और ध्वज को फिर लगाए जाने की मांग उठाई गई. इस बीच, पुलिस बोली कि मंगलवार (30 जनवरी) को स्थिति जरूर तनावपूर्ण हैं पर नियंत्रण में है, जबकि पूरे मामले पर सियासी संग्राम भी छिड़ता नजर आया और इस दौरान विपक्षी बीजेपी-जनता दल (सेक्युलर) और कांग्रेस सरकार के बीच जुबानी जंग छिड़ी.
ध्वज उतारे जाने (शनिवार आधी रात के बाद) को लेकर रविवार को भारी विरोध प्रदर्शन हुए जिसमें पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने और स्थिति काबू करने के लिए हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा. पुलिस-प्रशासन ने हनुमान ध्वज उतारकर उसकी जगह तिरंगा लगाया था. बाद में रविवार को विरोध प्रदर्शन हुए और सोमवार को भी आस-पास के 12 गांव के लोगों ने जमा होकर 'जय श्री राम' के नारों के बीच केरागोडु से मांड्या जिला मुख्यालय में भगवा झंडे लेकर उपायुक्त कार्यालय तक मार्च निकाला. उन्होंने इस दौरान मौजूदा कांग्रेस सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. मार्च में भाग लेने वालों में बीजेपी नेता सी टी रवि और प्रीतम गौड़ा भी थे. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, जैसे ही मार्च मांड्या शहर पहुंचा था पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का लाठीचार्ज किया था.
फिर भगवा फहराने की मांग पर विरोध पर अड़े लोग
इलाके में एहतियाती तौर पर पुलिस बल की बड़ी टुकड़ी तैनात की गई क्योंकि केरागोडु और आस-पास के गांवों के लोग, बीजेपी, जद(एस), बजरंग दल और अन्य संगठनों के कार्यकर्ता झंडे हटाने के विरोध पर फिलहाल अड़े हैं. लोगों की मांग है कि भगवा ध्वज बार फिर फहराया जाए.
"जब तक दोबारा नहीं लगता हनुमान ध्वज तब तक..."
जनता दल (सेक्युलर) के प्रदेश अध्यक्ष एच.डी. कुमारस्वामी सोमवार को मांड्या के पास केरागोडू गांव से भगवान हनुमान की छवि वाला भगवा ध्वज हटाने के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल हुए. उन्होंने राज्य की कांग्रेस सरकार पर भयावह स्थिति पैदा करने और इसे प्रभावी ढंग से संभालने में विफल रहने का आरोप लगाया. कुमारस्वामी ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनकी सरकार पर इस मुद्दे पर राजनीति करने और ‘हनुमान ध्वज’ को हटाने से उपजी सार्वजनिक अशांति को दबाने के लिए पुलिस बल का इस्तेमाल कर लोगों को भड़काने का आरोप लगाया. प्रदर्शन में केरागोडु और आस-पास के गांवों से बड़ी संख्या में महिलाएं ने हिस्सा लिया. सबसे आगे रहने वाले नेताओं ने बताया कि जब तक भगवा झंडा दोबारा नहीं फहराया जाता तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.
क्या बोले Karnataka CM?
उधर, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार को विपक्षी बीजेपी और जद(एस) पर आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए झंडा हटाने के मुद्दे पर लोगों को भड़काने की कोशिश करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को झंडा उतारना पड़ा क्योंकि अनुमति केवल राष्ट्रीय और कन्नड] ध्वज फहराने के लिए ली गई थी. विपक्ष के नेता आर अशोक (बीजेपी) और राज्य जद(एस) प्रमुख एचडी कुमारस्वामी के विरोध में शामिल होने पर सिद्धारमैया ने कहा कि वे लोगों को भड़काने में लगे हैं.
Karnataka police ने की है खास व्यवस्था
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, केरागोडु में पुलिस ने ध्वज स्तंभ के चारों ओर बैरिकेड्स लगवा दिए हैं और जगह सुरक्षित करने के साथ यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई अप्रिय घटना न हो, इलाके में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए. इस बीच, बेंगलुरू में बीजेपी ने जयनगर विधायक सीके राममूर्ति और बाकी नेताओं के नेतृत्व में मैसूरु बैंक सर्कल में भी विरोध प्रदर्शन किया. उन्हें हिरासत में लिया गया और पुलिस साथ ले गई. ऐसे में वहां फिलहाल तनाव की स्थिति है. हालात को काबू में रखने के लिए अतिरिक्त संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है.
लोगों की मानें तो मांड्या गांव में 108 फुट ऊंचे पोल पर आसपास के 12 गांवों की ओर से चंदा जुटाने के बाद भगवान हनुमान की तस्वीर वाला झंडा लगाया गया था जिसकी शिकायत किसी अज्ञात शख्स ने की थी. आगे पुलिस ने सीनियर अफसरों की मौजूदगी में शनिवार रात झंडे को उतार दिया था. लोगों ने यह भी कहा कि इस तरह ध्वज उतारना उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाने जैसा है.