नई दिल्लीः कर्नाटक में जेडीएस-कांग्रेस की गठबंधन सरकार के शपथ ग्रहण के दसवें दिन दोनों पार्टियों ने पावर शेयरिंग का फॉर्मूला पेश किया है. फॉर्मूले से यह साफ है कि सरकार का चेहरा भले हो कुमारस्वामी होंगे लेकिन लगाम कांग्रेस के हाथों में होगी. इसके साथ ही दोनों पार्टियों ने 2019 लोकसभा चुनाव साथ मिल कर लड़ने की भी घोषणा की है. सीटों के बंटवारे पर काम किया जाएगा और इसकी घोषणा बाद में की जाएगी.


लोकसभा चुनाव में ज्यादा लाभ लेने की कोशिश


कुल मिला कर दोनों पार्टियां इस बात का पूरा ध्यान रख रही है कि राज्य की गठबंधन सरकार को कार्यकाल पूरा करने में कोई अड़चन ना आए या कोई टकराव ना हो. यानी अच्छी और मजबूत सरकार की छवि पेश कर लोकसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा लाभ लेने की कोशिश है. हालांकि अब नजर इस बात पर होगी कि दोनों पार्टियां खास तौर पर कांग्रेस अब अपने आंतरिक असन्तोष, गुटबाजी को कैसे संभालती है?


राज्य में गठबंधन की सरकार चलाने के लिए कमिटी गठित


गठबंधन (सरकार भी) को सुचारू रूप से चलाने के लिए एक कमिटी गठित की गई है जिसके अध्यक्ष सिद्धारमैया बनाए गए हैं. हालांकि जिस वित्त मंत्रालय को लेकर पेंच फंस रहा था उसके साथ जेडीएस के पास 11 विभाग रहेगा. वहीं गृह और कृषि सहित कुल 22 विभाग कांग्रेस के पास होंगे.



मुख्यमंत्री कुमारस्वामी कई बार ऐसे बयान दे चुके है कि उन्हें कांग्रेस के रहमोकरम से कुर्सी मिली है और इसके लिए वो कांग्रेस के एहसानमन्द हैं. कांग्रेस ने भी 'उदारता' दिखते हुए विभाग बंटवारे में भी जेडीएस का पूरा ख्याल तो रखा ही है लेकिन कमान अपने हाथ में रखने की भी पूरी कोशिश की है. इसके लिए दोनों पार्टियों के आला नेताओं के बीच कई दौर की बातचीत हुई.


जेडीएस के पास वित्त, कांग्रेस के पास गृह विभाग
जेडीएस को वित्त के अलावा लोक निर्माण (PWD) बिजली, परिवहन जैसे विभाग मिले हैं. जबकि कांग्रेस के पास गृह, शहरी विकास, कृषि, स्वास्थ्य, अल्पसंख्यक कल्याण सहित कुल 22 विभाग रहेंगे. जेडीएस से मुख्यमंत्री और कांग्रेस से उपमुख्यमंत्री पहले ही शपथ ले चुके हैं. विभागों का बंटवारा होने के साथ ही अब दोनों दल मंत्रियों का एलान कर देंगे और फिर मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण होगा.




कॉर्डिनेशन और मॉनिटरिंग कमिटी में सिद्धारमैया की होगी महत्वपूर्ण भूमिका
गठबंधन और सरकार सुचारू रुप से चले इसके लिए समन्वय और मॉनिटरिंग कमिटी बनाई गई है. मुख्यमंत्री कुमारस्वामी, उपमुख्यमंत्री परमेश्वर के साथ पूर्व मुख्यमंत्री और फिलहाल कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया, कांग्रेस के राज्य प्रभारी के सी वेणुगोपाल और जेडीएस महासचिव दानिश अली कमिटी के सदस्य होंगे. कमिटी को महीने में कम से कम एक बार बैठक करनी होगी. महत्वपूर्ण बात ये है कि सिद्धारमैया इस कमिटी के अध्यक्ष और दानिश अली संयोजक होंगे. कॉर्डिनेशन कमिटी तमाम बोर्ड और कॉर्पोरेशन में नियुक्ति के लिए नाम तय करेगी. इसमें दो तिहाई पद कांग्रेस और एक तिहाई जेडीएस को मिलेंगे.


कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनेगा
न्यूनतम साझा कार्यक्रम यानी कॉमन मिनिमम प्रोग्राम की तर्ज पर दोनों पार्टियों के घोषणापत्र पर आधारित एक कॉमन एजेंडा तैयार कर लोगों के सामने रखा जाएगा. साथ ही दोनों पार्टी के एक-एक प्रवक्ता निर्धारित किए जाएंगे जो मीडिया से बात करेंगे.