रेणुकास्वामी हत्या मामले में आरोपी एवं अभिनेता दर्शन थूगुदीपा को राहत देते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट ने उन्हें रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन कराने के लिए चिकित्सा आधार पर बुधवार (30 अक्टूबर, 2024) को अंतरिम जमानत दे दी. दर्शन (47) को 11 जून को गिरफ्तार किया गया था और वह अभी बल्लारी जेल में हैं.


मामले में उनकी मित्र पवित्रा गौड़ा और 15 अन्य सह-आरोपी भी हैं. पवित्रा गौड़ा बेंगलुरु की एक जेल में बंद हैं और अन्य आरोपी राज्य की विभिन्न जेलों में हैं जिनमें से कुछ को हाल में जमानत मिली है. न्यायमूर्ति एस. विश्वजीत शेट्टी की पीठ ने दर्शन को चिकित्सीय उपचार के लिए छह हफ्ते की अंतरिम जमानत दी.


अदालत द्वारा लगायी गयी जमानत शर्तों के अनुसार, दर्शन को निचली अदालत के समक्ष अपना पासपोर्ट जमा कराना होगा और वह इस दौरान सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे. अदालत ने कहा कि वह अपनी पसंद के अस्पताल में उपचार करा सकते हैं और उनकी स्वास्थ्य स्थिति, आवश्यक उपचार तथा उपचार के बाद की स्थिति पर एक सप्ताह के भीतर अदालत को एक रिपोर्ट जमा करानी होगी.


अदालत ने अभिनेता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सी वी नागेश और सरकारी लोक अभियोजक पी. प्रसन्ना कुमार की विस्तृत दलीलें सुनने के बाद अंतरिम जमानत याचिका पर मंगलवार को आदेश सुरक्षित रख लिया था. राज्य सरकार ने बल्लारी केंद्रीय कारागार के चिकित्सकों एवं वहां के एक सरकारी अस्पताल में न्यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख की मेडिकल रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में पेश की थी.


सत्र अदालत ने 21 सितंबर को दर्शन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इलाज के लिए अंतरिम जमानत मांगी.


पुलिस के अनुसार, अभिनेता के प्रशंसक रेणुकास्वामी (33) ने उनकी मित्र पवित्रा गौड़ा (सह-आरोपी) को अश्लील संदेश भेजे थे, जिससे नाराज दर्शन ने उसकी कथित तौर पर हत्या कर दी थी. उसका शव नौ जून को यहां सुमनहल्ली में एक अपार्टमेंट के बगल में एक नाले के पास से बरामद किया गया.


चित्रदुर्ग में दर्शन के ‘फैन क्लब’ का हिस्सा रहा एक आरोपी राघवेंद्र यहां आर आर नगर में अभिनेता से मिलवाने की आड़ में रेणुकास्वामी को लेकर आया था. वहां पर रेणुकास्वामी को कथित तौर पर प्रताड़ित किया गया.


पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, चित्रदुर्ग निवासी रेणुकास्वामी की कई गंभीर चोटों के कारण मौत हो गयी थी.


पुलिस ने कहा कि आरोपी संख्या एक पवित्रा रेणुकास्वामी की हत्या की ‘‘प्रमुख वजह’’ थी. उसने दावा किया कि जांच से साबित हो गया है कि पवित्रा ने अन्य आरोपियों को भड़काया, उनके साथ साजिश रची और अपराध में भाग लिया.