Karnataka High Court: कर्नाटक हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Siddaramiah) और अन्‍य कई कांग्रेसी नेताओं की ओर से अप्रैल 2022 में ब‍िना अनुमत‍ि के गैरकानूनी मार्च न‍िकाले जाने के एक मामले में सख्‍त रूख अख्‍त‍ियार क‍िया है. इन सभी के ख‍िलाफ आपराधिक मामला दर्ज क‍िया गया था, ज‍िसको रद्द कराने के ल‍िए कोर्ट में याच‍िका दाख‍िल की गई थी. कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए मंगलवार (6 फरवरी) को याच‍िका को खार‍िज करते हुए सीएम स‍िद्धारमैया और अन्‍य सभी कांग्रेस नेताओं पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया है.


लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताब‍िक, इस मामले में हाईकोर्ट ने कड़ा रूख अपनाते हुए मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और अन्‍य सभी आरोप‍ी कांग्रेसी नेताओं को जन प्रतिनिधियों की स्‍पेशल कोर्ट में अलग-अलग न‍िर्धार‍ित तारीखों पर पेश होने के न‍िर्देश भी द‍िए हैं.   


सीएम सिद्धारमैया को 6 मार्च को पेश होने के न‍िर्देश 


हाईकोर्ट ने कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया को आगामी 6 मार्च को अदालत में पेश होने के न‍िर्देश द‍िए हैं. वहीं, कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला को 7 मार्च, एमबी पाट‍िल को 11 मार्च और रामलिंगा रेड्डी को 15 मार्च को स्‍पेशल कोर्ट के समक्ष पेश होना होगा. कोर्ट ने यह भी कहा क‍ि अगर विधायिका सत्र का इसमें हस्तक्षेप होता है तो न्यायाधीश के पास उपस्थिति की तारीख में बदलाव करने का अधिकार है. 


क्‍या था पूरा मामला? 


दरअसल, साल 2022 में कांग्रेस नेताओं ने बिना पूर्व अनुमति के तत्कालीन मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के आवास तक गैरकानूनी मार्च न‍िकाला था. कांग्रेसी नेताओं ने पूर्व मंत्री केएस ईश्वरप्पा के इस्तीफे की मांग को लेकर इस गैरकानूनी सभा/मार्च का आयोजन क‍िया था. कर्नाटक पुलिस ने आईपीसी की धारा 143 और कर्नाटक पुलिस अधिनियम की धारा 103 के तहत मामला दर्ज किया था. इस मामले को रद्द कराने की याच‍िका दायर कर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया. 


नेताओं से कानून का पालन करने की उम्‍मीद  


याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा, 'अगर वो कानून का पालन करेंगे तो बाकी लोग भी कानून का पालन करेंगे.' न्‍यायाधीश ने सुनवाई के दौरान अंग्रेजी साहित्य के एक वाक्य का इस्‍तेमाल करते हुए कहा- 'आपराधिक कानून में प्रधानमंत्री और डाकिया एक समान स्तर पर खड़े हैं.' 


र‍िपोर्ट के मुताब‍िक, कोर्ट ने कहा कि बेंगलुरु में दिन के समय सार्वजनिक सड़कों पर जाने से लोगों को परेशानी होती है और पुलिस अधिकारी ने ऐसा नहीं करने के ल‍िए भी कहा था.  


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