Shaheen School Sedition Case: कर्नाटक के बीदर में स्थित शाहीन स्कूल के खिलाफ देशद्रोह का मामला कर्नाटक हाई कोर्ट ने बुधवार (14 जुलाई) को रद्द कर दिया. राज्य की तत्कालीन बीजेपी सरकार ने जनवरी 2020 में मामला दर्ज कराया था.


लाइव लॉ के मुताबिक, जस्टिस हेमंत चंदनगौदर की पीठ ने अलाउद्दीन और अन्य की दायर याचिकाओं को स्वीकार कर ये फैसला लिया है. दरअसल आरोप लगाया गया था कि 2020 में सीएए कानून के खिलाफ कक्षा 4 के छात्रों के मंच पर किए गया नाटक सांप्रदायिक प्रकृति का था. इसमें दावा किया गया था कि मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारे लगे थे. इसको लेकर निलेश राकेश्याला ने बीदर के पुलिस स्टेशन में आईपीसी के सेक्शन 504, 505 (2), 124 (ए) और 153 (ए) के तहत केस दर्ज कराया था. 


मामला क्या है?
सीएए और एनआरसी को लेकर 2020 में बच्चों ने नाटक किया. इसके बाद कहा गया कि स्कूल देश के खिलाफ काम करके नकारात्मक बातें फैला रहा है. वहीं इस दावे को शाहीन ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशन ने खारिज करते हुए कहा था कि पुलिस हर रोज स्कूल आती थी और बच्चों के साथ देशद्रोही की तरह व्यवहार करती है. 


सीएए क्या है?
बता दें कि नागरिक संसोधन कानून (Citizen Amendment Act) यानी सीएए में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी को भारत की नागरिकता देने का नियम है. इसको लेकर पूरे देश भर में विरोध प्रदर्शन हुआ था.


इस पर केंद्र सरकार ने कहा था कि पाकिस्तान अफगानिस्तान और बांग्लादेश मुस्लिम बहुल देश है तो ऐसे में संभावना है कि इनके साथ यहां भेदभाव नहीं होता होगा. सरकार ने दावा किया था कि यहां पर गैर-मुस्लिम समुदायों के साथ भेदभाव हुआ और उन्हें इस कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. 


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