Karnataka High court On Twitter Case: कर्नाटक हाई कोर्ट ने ट्विटर इंक की दायर याचिका को शुक्रवार (30 जून) को खारिज कर दिया. इसमें कंपनी ने सामग्री हटाने और ब्लॉक करने संबंधी इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के आदेश को चुनौती दी थी. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि कंपनी की याचिका का कोई आधार नहीं है. 


जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित की एकल पीठ ने ट्विटर कंपनी पर 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. इसे 45 दिनों के भीतर कर्नाटक राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा कराने का आदेश दियाय 


 कर्नाटक हाई कोर्ट  ने क्या कहा?
कोर्ट ने फैसले के मुख्य हिस्से को पढ़ते हुए कहा, 'उपरोक्त परिस्थितियों में यह याचिका आधार रहित होने के कारण अनुकरणीय जुर्माने के साथ खारिज की जा सकती है और तदनुसार ऐसा किया जाता है.


याचिकाकर्ता पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाता है, जो 45 दिनों के अंदर कर्नाटक राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बेंगलुरु को देय है. यदि इसमें देरी की जाती है, तो इस पर प्रति दिन 5,000 रुपये का अतिरिक्त शुल्क लगेगा.


जज ने क्या कहा?
जस्टिस ने ट्विटर की याचिका खारिज करते हुए कहा, ''मैं केंद्र की इस दलील से सहमत हूं कि उनके पास ट्वीट को ब्लॉक करने और एकाउंट पर रोक लगाने की शक्ति है.’’


केंद्र सरकार ने क्या कहा?
न्यूज एजेंसी एएनआई से इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कोर्ट के फैसले पर कहा कि मुझे उम्मीद है कि इससे ट्विटर कुछ सीखेगी. जो भी कंपनी भारत के नागरिक और सरकार के साथ काम कर रही है उसे देश के कानून के तहत काम करना होगा. आप ऐसा करेंगे तो आगे बढ़ने की गुजांइश है. मुझे उम्मीद है कि जैक डोर्सी को इससे यह सीख मिलेगी कि भारत सरकार पहले, आज और भविष्य में भी कानून के अनुसार ही काम कर रही है. 


ये भी पढ़ें- KGF कॉपीराइट मामले में राहुल गांधी और जयराम रमेश को राहत नहीं, हाई कोर्ट ने FIR रद्द करने से किया इनकार