Hijab Controversy in Malegaon: कर्नाटक से शुरू हुए हिजाब विवाद का असर अब महाराष्ट्र के मालेगांव तक पहुंच गया, जहां कल ‘हिजाब डे’ मनाया गया. महाराष्ट्र के बारे में ये कहा जाता है कि दुनिया में कहीं भी कोई बडी घटना हो तो उसकी तीव्र प्रतिक्रिया महाराष्ट्र में देखी जाती है. अबसे तीन दशक पहले ईरान ने लेखक सलमान रशदी की किताब ‘द सेटेनिक वर्सेज’ पर पाबंदी लगायी और आयातुल्लाह खुमैनी ने उनके खिलाफ फतवा जारी किया तो मुंबई में दंगे हुए.
जब असम में दंगे हुए और म्यांमार में रोहिंग्याओं के खिलाफ मुहीम चली तो मुंबई में उसकी प्रतिक्रिया देखने मिली. जब गुजरात में दंगे हुए तो मुंबई में उसका असर हुआ. अब कर्नाटक के हिजाब विवाद की छाया महाराष्ट्र में देखने मिल रही है.
मालेगांव में मनाया गया ‘हिजाब डे’
उत्तर महाराष्ट्र के शहर मालेगांव में गुरूवार को उमड़ी महिलाओं की भीड उस विवाद की एक कड़ी है, जिसकी शुरूआत कर्नाटक से हुई. हिजाब का समर्थन करने के लिए महिला मिलन का नाम देकर इस भीड़ को जमीयत उलेमा हिंद नाम के एक प्रमुख संगठन ने कथित तौर पर जुटाया था. भीड़ को एआईएमआईएम के स्थानीय विधायक मौलाना मुफ्ती इस्माइल ने संबोधित किया.
शुक्रवार को मालेगांव में ‘हिजाब डे’ मनाया गया. हिजाब विवाद को लेकर चल रही इन हलचल को देख पुलिस हरकत में आयी और 4 आयोजकों के खिलाफ बिना इजाजत सभा बुलाने का मामला दर्ज कर लिया. विधायक मुफ्ती सईद को भी नोटिस भेजा गया. मालेगांव हमेशा से एक संवेदनशील शहर माना जाता रहा है. इसका सांप्रदायिक दंगों का इतिहास रहा है. यहां दो बार बम धमाके भी हो चुके हैं, इसलिये पुलिस मालेगांव पर पैनी नजर बनाये हुए है.
तमाम पुलिस थानों को अलर्ट रहने का निर्देश
इस बीच मालेगांव की मेयर ने प्रस्ताव रखा कि शहर के शैक्षणिक केंद्र उर्दू घर का नाम मुस्कान नाम की छात्रा पर किया जाए. मुस्कान वो लड़की है जिसका हिजाब पहनकर हुडदंगियों का सामना करते हुए वीडियो वायरल हुआ था. मालेगांव की हलचल को देखते हुए महाराष्ट्र के गृहमंत्रालय ने राज्य के तमाम पुलिस थानों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है. मालेगांव, बुलढाणा और बीड में जमावबंदी लगा दी गयी है. गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने आदेश दिया है कि हिजाब को लेकर राज्य में किसी भी तरह का आंदोलन न होने दिया जाये.
शिव सेना से महाराष्ट्र सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने भी गुरूवार को बयान दिया कि किसी दूसरे राज्य में चल रहे विवाद की वजह से महाराष्ट्र में माहौल नहीं खराब किया जाना चाहिये.