Karnataka Hijab Row: कर्नाटक में हिजाब (Hijab) पहनने का मामला खत्म होता नहीं दिख रहा है. इस मामले में हाईकोर्ट (Karnataka High Court) का फैसला देने के बाद भी मुस्लिम छात्राएं इसे मानने के लिए तैयार नहीं है. अब उप्पिनंगडी (Uppinangady) गवर्नमेंट फर्स्ट ग्रेड कॉलेज के प्रबंधन ने पिछले हफ्ते कक्षाओं के अंदर हिजाब पहनने की अनुमति की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करने वाली 23 छात्राओं को निलंबित (College Students Suspended) कर दिया है. पुत्तूर के भाजपा विधायक और कॉलेज विकास समिति (सीडीसी) के अध्यक्ष संजीव मातंदूर (Sanjeeva Matandoor) ने मंगलवार को बताया कि हिजाब पहनने को लेकर छात्रों ने प्रदर्शन किया था. इसलिए उन्हें को सस्पेंड कर दिया गया है.
सूत्रों के अनुसार पिछले सप्ताह दक्षिण कन्नड़ जिले के पुत्तूर तालुक में स्थित कॉलेज में छात्राएं हिजाब पहनकर आईं और कक्षा में हिजाब पहनने की अनुमति की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. सीडीसी ने सोमवार को बैठक कर उन्हें निलंबित करने का फैसला किया. पैनल ने पहले सात छात्राओं को हिजाब के साथ कॉलेज आने पर सस्पेंड कर दिया था.
क्या है हिजाब विवाद?
बता दें कि, कर्नाटक में हिजाब को लेकर विरोध (Hijab Protest) प्रदर्शन इस साल जनवरी-फरवरी में हुए थे जब राज्य के उडुपी जिले में सरकारी लड़कियों के कॉलेज की कुछ छात्राओं ने आरोप लगाया था कि उन्हें हिजाब पहनने के कारण कक्षाओं में आने से रोक दिया गया. विरोध प्रदर्शन के दौरान कुछ छात्राओं ने दावा किया कि उन्हें हिजाब पहनने के लिए कॉलेज में प्रवेश से वंचित कर दिया गया था. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने फरवरी में कर्नाटक में एक सप्ताह के लिए स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए थे. हिजाब विरोध जल्द ही अन्य राज्यों में भी फैल गया और मामला कर्नाटक उच्च न्यायालय में चला गया.
क्या था हाईकोर्ट का फैसला?
ये कहते हुए कि हिजाब (Hijab) पहनना इस्लाम में एक आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है और संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत धर्म की स्वतंत्रता उचित प्रतिबंधों के अधीन है, कर्नाटक उच्च न्यायालय (Karnataka High Court) ने 16 मार्च को मुस्लिम छात्राओं द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया था. याचिका में छात्राओं ने उडुपी में प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों में कक्षाओं में हिजाब (Hijab) पहनने की मांग की थी. कोर्ट ने राज्य द्वारा 5 फरवरी को जारी एक आदेश को भी बरकरार रखा था, जिसमें सुझाव दिया गया था कि हिजाब पहनना उन सरकारी कॉलेजों में प्रतिबंधित किया जा सकता है जहां ड्रेस निर्धारित है. कोर्ट ने फैसला सुनाया कि कक्षाओं में सिर्फ ड्रेस (College Dree Code) पहनने की ही अनुमति होगी.
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