Karnataka: कर्नाटक में SC/ST के कोटा में बढ़ोतरी, विधानसभा में बिल पास, राज्य में आरक्षण 50 फीसदी के पार
Karnataka News: कर्नाटक में अब अनुसूचित जाति के लिए कोटा 15% से बढ़ाकर 17% और अनुसूचित जनजाति के लिए तीन प्रतिशत से बढ़ाकर सात फीसदी हो जाएगा.
Karnataka Hiked SC/ST Quota: महाराष्ट्र के साथ सीमा विवाद के बीच कर्नाटक सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. कर्नाटक विधानसभा के शीतकालीन सत्र में बीजेपी सरकार ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के आरक्षण से जुड़ा एक विधेयक पेश किया, जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया. इस बिल के तहत SC/ST के आरक्षण में 2 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई है.
विधेयक में अनुसूचित जाति के लिए कोटा 15% से बढ़ाकर 17% और अनुसूचित जनजाति के लिए तीन प्रतिशत से बढ़ाकर सात फीसदी करने का प्रस्ताव है. बिल का विपक्षी सदस्यों ने भी समर्थन किया. हालांकि, विपक्ष का कहना है कि इस बिल से भी SC/ST समाज के लोगों का भला नहीं होगा.
निजी क्षेत्र में भी लागू करने की मांग
विपक्ष ने बीजेपी सरकार पर हमला करते हुए कहा, "नई आरक्षण नीति से लक्षित लोगों को लाभ नहीं होगा क्योंकि निजीकरण के कारण सरकारी नौकरियों में कटौती की गई है." विपक्ष का कहना है कि इस बिल का लाभ तभी होगा, जब निजी क्षेत्रों में भी इसे लागू किया जाएगा.
अक्टूबर में लाया गया था अध्यादेश
कर्नाटक कैबिनेट ने बीते आठ अक्तूबर को ही अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का आरक्षण बढ़ाने के लिए अपनी औपचारिक सहमति दे दी थी. अध्यादेश को राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद नवंबर से लागू भी कर दिया गया था. अब अध्यादेश को कानूनी तौर पर अमलीजामा पहनाने के लिए ही इस बिल को विधानसभा में पेश किया गया था.
बिल को लेकर कानून मंत्री ने क्या कहा?
कानून मंत्री जेसी मधुस्वामी के हवाले से डेक्कन हेराल्ड ने कहा, "सरकार ने यह जानते हुए कि यह 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को पार कर जाएगा, अध्यादेश को लागू करने का जोखिम लिया था." कर्नाटक के कानून मंत्री ने कहा, "हमारे ऊपर एजे सदाशिव, नागमोहन दास और सुभाष आदि आयोगों की रिपोर्ट को लागू करने का दबाव था. हम यह भी जानते थे कि ऐसा करने में हमारे पास खुद को सही ठहराने के लिए भी पर्याप्त साधन था."
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