कांग्रेस-जेडीएस को मौका नहीं दिया गया तो विपक्ष संसद की कार्यवाही बाधित करेगा: शिवसेना
शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा कि कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस और जेडीएस को मौका नहीं दिया गया तो विपक्षी दल संसद की कार्यवाही को बाधित कर सकते हैं.
मुंबई: शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा कि कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस और जेडीएस को मौका नहीं दिया गया तो विपक्षी दल संसद की कार्यवाही को बाधित कर सकते हैं. राउत ने कहा , ‘‘अगर कांग्रेस और जेडीएस के पास 116 विधायकों का समर्थन है और फिर भी राज्यपाल उन्हें सरकार बनाने का मौका नहीं देते हैं तो इसका असर संसद में दिख सकता है और कई दिनों के लिए कार्यवाही बाधित हो सकती है. ’’
हालांकि राउत ने कहा कि सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते बीजेपी नैतिक आधार पर सरकार बनाने का दावा कर सकती है. उन्होंने कहा , ‘‘ सबसे बड़ी पार्टी को पहले आमंत्रित करना संवैधानिक नियम है.’’
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है. बीजेपी 104 सीटें जीत कर सबसे बड़ी पार्टी बनी है. कर्नाटक में बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार येदुरप्पा ने आज सुबह साढे दस बजे विधायक दल की बैठक बुलाई है. बैठक के बाद, येदुरप्पा विधायक दल के नेता चुने जाने की जानकारी राज्यपाल को देंगे और सरकार बनाने का आधिकारिक दावा पेश करेंगे. हालांकि कांग्रेस और जेडीएस मिलकर सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं.
क्या कहते हैं नियम
परंपरा है कि राज्यपाल पहले सबसे बड़ी पार्टी तो सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करते हैं. हालांकि हाल के ही उदाहरण लें तो गोवा और मणिपुर में राज्यपाल ने सरकार गठन के लिए दूसरी सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने का न्यौता दिया. और इन दोनों जगह पर न्यौता पानी वाली पार्टी विधानसभा में बहुमत साबित करने में कामयाब रही.
संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप का कहना है कि ऐसी स्थिति के लिए सरकारिया कमीशन ने सुझाव पेश किया है. अगर कोई भी पार्टी बहुमत में है तो सबसे पहले राज्यपाल उसे सरकार बनाने का मौका देते हैं. वहीं कमीशन की सिफारिश के मुताबिक अगर कहीं भी त्रिशंकू विधानसभा की स्थिति बनती है तो राज्यपाल सबसे पहले चुनाव से पहले बने गठबंधन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करेंगे.
अगर ऐसा नहीं होता है तो फिर राज्यपाल सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने के लिए बुलाते हैं. अगर सबसे बड़ी पार्टी बहुमत साबित नहीं कर पाती है तो फिर चुनाव के बाद हुए गठबंधन को सरकार बनाने का निमंत्रण दिया जाता है.