Found Lost Parrot: आपने अभी तक गुमशुदा लोगों (missing people) के बारे में इश्तेहार छपते (print commercials) देखा होगा, लेकिन किसी जानवर (Animal) या पक्षी (Bird) का शायद ही किसी ने सुना हो. लेकिन आज हम आपको बताएंगे उस इश्तेहार के बारे में जो एक तोते (parrot) के खो जाने पर छपा था. इश्तेहार में सिर्फ तोता के खोने की बात ही नहीं थी बल्कि उसमें तोता ढूंढकर लाने वाले को 50 हजार का नकद इनाम देने की बात भी कही गई थी. ये ऐलान कर्नाटक के तुमकुरु में किया गया था. व्यवसायी अर्जुन शेट्टी (Arjun Shetty) जिन्होंने ये तोता पाला था उन्होंने बताया, ''हमने हमेशा उन्हें अपने परिवार का हिस्सा माना है और उन्हें पिंजरे में बंद करने में कभी विश्वास नहीं किया.''


शेट्टी परिवार ने कहा कि उन्होंने तीन साल पहले बेंगलुरु शहर से दो तोते खरीदे थे. इनके नाम 'रियो' और 'रुस्तूमा' थे. भारत में अफ्रीकी ग्रे तोतों को पालतू जानवर के रूप में रखना अवैध नहीं है, लेकिन संरक्षणवादियों ने अक्सर भारत में विदेशी पक्षियों के प्रजनन और व्यापार पर प्रतिबंध की वकालत की है. पिछले शनिवार (16 जुलाई) को कर्नाटक के तुमकुरु शहर में जयनगर इलाके से ये अनोखा तोता (अफ्रीकी ग्रे) जिसका नाम  'रुस्तूमा' था गायब हो गया. इस तोते के गायब होने की वजह से उसको पालने वाले परिवार में मातम छा गया. परिवार के लोग परेशान हो गए. दरअसल इस परिवार के पास एक जोड़ी तोता था और उनमें से एक तोता जिसका नाम 'रुस्तूमा' था वो गायब हो गया. थक हार कर उनके दिमाग में एक प्लान आया कि अगर हम तोते के गायब होने का इश्तेहार छपवा दें और उस पर इनाम रखवा दें तो शायद हमारा तोता मिल जाए. 


'रुस्तूमा' को ढूंढने के लिए काफी पैसा खर्च किया
शेट्टी परिवार ने बताया कि 10 दिन पहले जब परिवार घर में कुछ फर्नीचर ला रहा था तो 'रुस्तूमा' उड़ गई और लापता हो गई. इधर 'रुस्तूमा' के उड़ जाने के बाद से रियो अपने इतनी व्यथित थी कि उसने खाना-पीना ही छोड़ दिया और उदास रहने लगी. शेट्टी ने बताया कि उन्होंने 'रुस्तूमा' की एक तस्वीर परिवार के विवरण और इनाम राशि - 50,000 रुपये के साथ पत्रक और पोस्टर को छापने और वितरित करने के लिए काफी पैसा खर्च किया. उन्होंने तुमकुरु शहर की कई सड़कों पर पोस्टर लगाए जहां वे रहते हैं. लाउडस्पीकरों पर 'रुस्तूमा' के बारे में धमाकेदार घोषणाओं के इर्द-गिर्द गाड़ी चलाने के लिए परिवार ने टुक-टुक के लिए भी भुगतान किया. जब यह चल रहा था, 'रुस्तूमा' उनसे सिर्फ तीन किलोमीटर (1.86 मील) दूर थी, जिसकी देखभाल दो मजदूर श्रीनिवास और कृष्णमूर्ति कर रहे थे.


शेट्टी परिवार ने इश्तेहार में लिखी 'रुस्तूमा' से जुड़ाव की बातें
परिवार ने लोगों से अपील की, उन्होंने अपने इश्तेहारों में लिखा था, 'तोता गलती से यह उड़ गया है. मैं यहां के लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे अपने बालकनियों, छतों और पेड़ों की डालों पर बैठे तोते को जरूर ढूंढें. हम ये अपील इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वो बहुत दूर तक नहीं उड़ सकता है. परिवार के सदस्य 'रुस्तूमा' से बहुत घुले-मिले हैं.' उन्होंने कहा, 'हम 'रुस्तूमा' के बिछड़ने का दर्द नहीं सहन कर पा रहे हैं. मैं सभी से जानकारी देने का अनुरोध करता हूं या अगर कोई हमारा ये पक्षी ('रुस्तूमा') को हमें वापस लौटाता है तो उन्हें मौके पर ही 50,000 रुपये का नकद पुरस्कार देंगे.' 


एक दिन बाद ही 'रुस्तूमा' कृष्णमूर्ति को मिल गई थी
उधर कृष्णमूर्ति ने घर से निकलने के एक दिन बाद ही 'रुस्तूमा' को पा लिया था. ये पक्षी एक पेड़ पर कुत्तों और बिल्लियों से अपने आप को बचाने की कोशिश कर रहा था और डर और भूख की वजह से काफी सुस्त लग रहा था. 'रुस्तूमा' अपनी मर्जी से ही कृष्णमूर्ति के साथ आया उसने उसे श्रीनिवास के पास छोड़ दिया और एक पिंजरे में रखकर उसे खाना खिलाया. 4 दिन के बाद जब इन लोगों को इश्तेहार का वो विज्ञापन मिला तब उन लोगों ने मिस्टर शेट्टी को फोन किया. मिस्टर शेट्टी ने उन्हें 50 हजार की राशि से कहीं ज्यादा 85 हजार रुपये दिए. शेट्टी ने बताया, "हमने एक पुजारी से सलाह ली थी, जिसने कहा था कि रुस्तोमा तीन दिनों में वापस आ जाएगी. लेकिन उसने हमें बताया कि अगर हम इनाम की राशि बढ़ाते हैं तो यह और भी जल्दी हो सकता है."


'रुस्तूमा' की वापसी से पूरा परिवार खुश था
मिस्टर शेट्टी (Mister Shetty) ने बताया, 'जब हम 'रुस्तूमा' (parrot) को लेने गये थे तब वह तोता (parrot) अपने पिंजरे (cage) के अंदर गुमसुम सा बैठा था और काफी उदास दिखाई दे रहा था.' शेट्टी ने बताया, " जैसे ही उसने मुझे देखा उसने बहुत तेज आवाज में चिल्लाना शुरू कर दिया था. ऐसा पहले भी होता था जब वो बहुत खुश होता था या बहुत उत्साहित होता था तो खूब जोर-जोर से चिल्लाता था. मुझे उसकी तेज आवाज सुनकर ऐसी अनुभूति हुई कि अब वो बहुत खुश है.' 'रुस्तूमा' की वापसी से पूरा परिवार खुश था लेकिन रियो से ज्यादा और कोई नहीं.


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