Maharashtra-Karnataka Border: महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच लंबे समय से सीमा विवाद चला आ रहा है. यह सीमा विवाद का मुद्दा मंगलवार को एक बार फिर गरमा गया है. सीमा विवाद के चलते हुए कर्नाटक में महाराष्ट्र के वाहनों के साथ तोड़फोड़ की गयी.
बेलगावी पर दावेदारी को लेकर महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद मंगलवार को और बढ़ गया. दोनों राज्यों के सीमा क्षेत्र के अंदर एक-दूसरे के वाहनों को निशाना बनाया गया. वहीं शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने पुणे में कर्नाटक के कई बसों पर कालिक भी पोती गई.
बेलगावी में महाराष्ट्र के मंत्रियों की एंट्री पर रोक
सीमा विवाद को लेकर सियासत गरमाती दिख रही है. महाराष्ट्र के मंत्रियों, चंद्रकांत पाटिल और शंभूराज देसाई का मंगलवार को बेलगावी जाने का कार्यक्रम था. कन्नड़ संगठनों के नेताओं के विरोध के कारण इसे बाद में स्थगित कर दिया गया. बेलगावी जिला प्रशासन ने दोनों मंत्रियों के शहर में प्रवेश में रोक लगा दी है, शहर में धारा 144 लागू कर दी गयी है. जबकि परिवहन निगम एमएसआरटीसी ने पुलिस के परामर्श का हवाला देते हुए दक्षिणी राज्य में बस सेवाएं निलंबित कर दी.
1957 से चल रहा है सीमा विवाद
सीमा का मुद्दा भाषायी आधार पर दोनों राज्यों के पुनर्गठन के बाद 1957 से है. महाराष्ट्र बेलगावी पर दावा जाता है जो तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा था. क्योंकि वहां अच्छी-खासी तादाद मराठी बोलने वाले लोगों की है. उसने 814 मराठी भाषी गांवों पर भी दावा जताया है जो अभी दक्षिणी राज्य का हिस्सा हैं.
दोनों राज्यों में शांति व्यवस्था बनाए रखने पर सहमति
सीमा विवाद के बीच महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बोम्मई से फोन पर बात की और उनके राज्य के वाहनों पर कर्नाटक में तोड़फोड किये जाने की पर चिंता जताई. दोनों राज्यों में शांति और कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने पर सहमति जताई. फडणवीस इस विषय को केंद्र के सामने उठाएंगे.
नेता, संजय राउत ने सरकार को बताया कायर
वहीं इस पूरे विवाद में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने पाटिल और देसाई को कायर बताया. उन्होंने शिंदे और बीजेपी सरकार पर इस मुद्दे पर जमकर हमला बोला. संजय राउत ने माडिया से बात करते हुए कहा कि शिवसेना दशकों पहले कर्नाटक के साथ पैदा हुए सीमा विवाद के बाद से मुंहतोड़ जवाब देती रही है.
हिंसा के लिए कर्नाटक सरकार होगी जिम्मेदार
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने दोनों राज्य के सीमा विवाद पर चिंता जाहिर की है. पवार ने मुंबई में माडिया से बात करते हुए कहा, "महाराष्ट्र ने संयम बरतने का रुख अपनाया और वह इसपर कायम रहने को तैयार हैं. लेकिन इसकी भी सीमा होती है. अगर 24 घंटों में वाहनों पर हमले नहीं रुकते तो सब्र का बांध टूट जाएगा और इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से कर्नाटक के मुख्यमंत्री और कर्नाटक सरकार पर होगी."
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