Karnataka-Maharashtra Border Dispute: कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच सीमा विवाद बड़ा होता जा रहा है. दोनों तरफ से वाहनों को टारगेट किया जा रहा है. कर्नाटक में महाराष्ट्र की गाड़ियों पर हमले के विरोध में महाराष्ट्र के पुणे में शिव सैनिकों ने भी मंगलवार (6 दिसंबर) को कर्नाटक की सरकारी बसों पर कालिख पोती है. इस मामले पर एनसीपी चीफ शरद पवार (Sharad Pawar) ने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप करने का कहा है. जानिए मामले से जुड़ी बड़ी बातें.


1. कर्नाटक के बेलगावी में महाराष्ट्र के नंबर वाले ट्रकों को रोककर उन पर काली स्याही लगा दी गई थी. साथ ही पथराव भी किया गया. इसके विरोध में पुणे में भी कर्नाटक की बसों को निशाना बनाया गया है. महाराष्ट्र कर्नाटक सीमा विवाद अब और भी पेचीदा हो गया. कर्नाटक सरकार ने महाराष्ट्र की ST बस को बेलगाम (बेलगावी) में आने से माना किया है. कर्नाटक पुलिस ने ST महामंडल से कहा है कि यहां पर बस पर पथराव हो सकता है.


2. इस मामले को लेकर मंगलवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से बात की है. उपमुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री फडणवीस ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री से बात की और बेलगावी के पास हिरेबगवाड़ी में हुई घटनाओं पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की. 


3. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने फडणवीस को आश्वासन दिया कि महाराष्ट्र से आने वाले वाहनों की सुरक्षा की जाएगी. 


4. इस मामले पर मंगलवार को एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच में सीमा विवाद कई सालों से है. इसलिए जब भी कभी सीमा विवाद मामले पर वहां कुछ भी घटता है तो मुझे कॉल आता है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में पवार ने एक मैसेज पढ़कर सुनाया कि सीमा विवाद मामले पर यहां स्थिति गंभीर है. दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री आगे आकर इस मामले में कोई ठोस निर्णय लें. महाराष्ट्र के लोगों पर हमला हो रहा है. गाड़ियों को टारगेट किया जा रहा है और दहशत का माहौल पैदा किया जा रहा है.


5. शरद पवार ने कहा कि राज्य के उपमुख्यमंत्री ने वहां के मुख्यमंत्री से फोन पर बात की, लेकिन इससे कुछ होने वाला नहीं है. सीमा पर आने जाने वाले वाहनों को लेकर एक बड़ी परेशानी बनती दिखाई दे रही है. जिस तरह से वहां हमला किया गया और घटना घट रही हैं ये बेहद गंभीर है. अगर अगले 24 घंटों में हालात नहीं सुधरते हैं तो आगे जो कुछ भी होगा उसकी पूरी जिम्मेदारी केंद्र और कर्नाटक सरकार की होगी. 


6. एनसीपी चीफ ने कहा कि कर्नाटक के सीएम ने बात करने के बावजूद इस मुद्दे पर कोई नरमी नहीं दिखाई है. किसी को भी हमारे (महाराष्ट्र) धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए और यह गलत दिशा में नहीं जाना चाहिए. सीएम शिंदे को कोई भी फैसला लेने से पहले सभी पार्टियों को विश्वास में लेना चाहिए. संसद सत्र शुरू होने वाला है, मैं सभी सांसदों से एक साथ आने और इस पर स्टैंड लेने का अनुरोध करता हूं.


7. बेलगावी में कर्नाटक रक्षणा वेदिके नाम के संगठन ने एक हफ्ते पहले एक छात्र की पिटाई के मामले को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया था. आरोप था कि कॉलेज फेस्टिवल में कर्नाटक का झंडा लहराने पर कन्नड़ छात्र की मराठी छात्रों ने पिटाई की थी. 


8. दोनों ही राज्यों में अंतर्राज्यीय सीमा को लेकर पहले से ही विवाद चल रहा है. वहीं इस घटना ने इसे और बढ़ाने का काम किया था. बेलगावी इस विवाद के केंद्र में है क्योंकि महाराष्ट्र दावा करता रहा है कि 1960 के दशक में राज्यों के भाषा-आधारित पुनर्गठन में कन्नड़-बहुल कर्नाटक को ये मराठी-बहुल क्षेत्र गलत तरीके से दिया गया था. 


9. कर्नाटक में विरोध प्रदर्शन में एक ट्रक के शीशे भी तोड़े गए हैं. स्थिति को शांत करने के लिए पुलिस को तैनात किया गया था, लेकिन प्रदर्शनकारी पुलिस के साथ धक्का-मुक्की करते और सड़क पर लेट गए. कर्नाटक ने भी हाल ही में महाराष्ट्र के कुछ गांवों पर अपना दावा फिर से शुरू कर दिया है, जिससे दोनों राज्यों में विवाद बढ़ता जा रहा है. जबकि दोनों राज्यों में एक ही पार्टी बीजेपी सत्ता में है. 


10. हाल ही में महाराष्ट्र के दो मंत्रियों, चंद्रकांत पाटिल और शंभुराज देसाई ने बेलगावी की अपनी निर्धारित यात्रा स्थगित कर दी थी. वहीं सोमवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा था कि इस यात्रा से कानून-व्यवस्था की चुनौती पैदा हो सकती है. दोनों मंत्री कर्नाटक के बेलगावी में लोगों से चर्चा करने के लिए जाने वाले थे.


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