Karnataka-Maharashtra Border Dispute: कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच सीमा को लेकर एक बार फिर से विवाद हो गया है. दोनों ही राज्यों में बीजेपी सत्ता में है, इसके बाद भी दोनों राज्यों के नेता एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सीमा विवाद के मुद्दे को उठाया, जबकि इस विवाद को हवा महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने दी. इस विवाद के बीच अब कर्नाटक के मुख्यमंत्री दिल्ली जाने वाले हैं. दिल्ली में वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात करेंगे.


सूत्रों के अनुसार पार्टी अध्यक्ष से मिलकर सीएम बोम्मई इस मुद्दे पर अपना स्पष्टीकरण देंगे. दोनों राज्यों के बीच दशकों से सीमा विवाद चल रहा है. दोनों राज्यों के बीच कुछ ऐसे बॉर्डर इलाके हैं, जिस पर दोनों ही राज्य अपना अपना दावा करते है. हाल ही में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने महाराष्ट्र में पड़ने वाले सांगली जिले के जत तालुका के 40 गांवों पर अपना दावा ठोंका था जिसका महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने विरोध किया था.


सुप्रीम कोर्ट पहुंचा विवाद


अब ये विवाद पर सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है. कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार (30 नवंबर) से सुनवाई शुरू होने वाली है. सुनवाई से पहले दोनों सरकारें इस मामले को लड़ने के लिए अपनी कानूनी टीमों को तैयार करने की प्रक्रिया में लगी है. सीएम बोम्मई ने कहा, 'मैं 29 नवंबर को दिल्ली जाऊंगा और वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी के साथ मामले से जुड़ी हर चीज के बारे में विस्तार से चर्चा करूंगा.'


दशकों से चल रहा है सीमा विवाद


बता दें कि कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच दशकों से ही सीमा विवाद चल रहा है. 1960 में अपने गठन के बाद से ही महाराष्ट्र का बेलगाम (बेलगावी) जिले और 80 फीसदी मराठी भाषी गांवों को लेकर कर्नाटक से विवाद है. कर्नाटक के बोम्मई ने महाराष्ट्र में पड़ने वाले सांगली जिले के जत तालुका के जिन 40 गांवों पर अपना दावा ठोंका है, वहां कन्नड़ भाषियों की तादाद अधिक है. इसी वजह से सीएम बोम्मई ने दावा किया कि वे लोग कर्नाटक में शामिल होना चाहते हैं. इस बात को लेकर के महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कड़ी प्रतिक्रिया दे दी है. उन्होंने कहा कि एक भी गांव जाने नहीं देंगे.


सीएम बोम्मई के समर्थन में रैली


कर्नाटक की सीमा से सटे जत तालुका के तिकोंडी गांव के ग्रामीणों ने कर्नाटक के सीएम बोम्मई के समर्थन में रैली निकाली. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की तरफ से उन्हें पेयजल, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सेवाएं उपलब्ध नहीं कराई गईं. रैली में भाग लेने वाले सोमलिंग चौधरी ने कहा कि हम 40 से अधिक गांवों में पानी की समस्या का सामना कर रहे हैं. हमें म्हैसल परियोजना से पानी का वादा किया गया है. हालांकि, चार दशकों के बाद भी हमें पानी नहीं मिला.


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