Border Conflict: महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद पर भड़के देवेंद्र फडणवीस, बोले- एक भी गांव जाने नहीं देंगे
Maharashtra-Karnataka Border Conflict : सीएम बसवराज बोम्मई ने सांगली की जत तालुका के 40 गांवों पर कर्नाटक का दावा जताया है. फडणवीस ने इसका करारा जवाब दिया है.
Maharashtra-Karnatka Border Conflict : महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच दशकों से सीमा विवाद चल रहा है. दोनों राज्यों के बीच कुछ ऐसे बॉर्डर इलाके हैं, जिस पर दोनो ही राज्य अपना अपना दावा करते है. महाराष्ट्र के सांगली जिले के जत तालुका के 40 गांवों पर कन्नड़ भाषियों की तादाद अधिक होने की वजह से कर्नाटक के सीएम बासवराज बोम्मई यह दावा कर रहे है कि वे लोग कर्नाटक में शामिल होना चाहते हैं. इस बात को लेकर के महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कड़ी प्रतिक्रिया दे दी है. उन्होंने कहा, एक भी गांव जाने नहीं देंगे.
फडणवीस और बोम्मई एक-दूसरे पर हमला करने के साथ भड़क गए है. फडणवीस ने बुधवार को बॉर्डर इलाके के लोगो को आश्वासन दिया है कि महाराष्ट्र का कोई भी गांव कहीं नहीं जाएगा, जिसका जवाब देते हुए बोम्मई ने फडणवीस के बयान को भड़काऊ बताया. बता दें कि कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा विवाद पर बुधवार से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. सुनवाई से पहले, दोनों सरकारें इस मामले को लड़ने के लिए अपनी कानूनी टीमों को तैयार करने की प्रक्रिया में लगी हैं.
इस बीच, बोम्मई ने दावा किया कि महाराष्ट्र के सांगली जिले के कुछ गांवों को जल संकट का सामना करना पर रहा हा है. कर्नाटक सरकार ने पानी मुहैया कराकर उनकी मदद करने के लिए योजनाएं तैयार की है. और उनकी सरकार जाट गांवों के प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार कर रही है.
ಕರ್ನಾಟಕ ಮಹಾರಾಷ್ಟ್ರ ಗಡಿ ವಿಚಾರದಲ್ಲಿ ಮಹಾರಾಷ್ಟ್ರ ಉಪ ಮುಖ್ಯಮಂತ್ರಿ ದೇವೇದ್ರ ಫಡ್ನವಿಸ್ ಅವರು ಪ್ರಚೋದನಕಾರಿ ಹೇಳಿಕೆ ನೀಡಿದ್ದು, ಅವರ ಕನಸು ಎಂದೂ ನನಸಾಗುವುದಿಲ್ಲ. ನಾಡಿನ ನೆಲ, ಜಲ, ಗಡಿ ರಕ್ಷಣೆ ವಿಚಾರದಲ್ಲಿ ನಮ್ಮ ಸರ್ಕಾರ ಕಟಿ ಬದ್ಧವಾಗಿದೆ.
— Basavaraj S Bommai (@BSBommai) November 23, 2022
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फडणवीस ने बुधवार को स्पष्ट किया कि ऐसा कोई संकल्प हाल के दिनों में नहीं किया गया है और बोम्मई ने जिस प्रस्ताव का जिक्र किया वह 2012 में था. फडणवीस ने कहा, "महाराष्ट्र का एक भी गांव कहीं नहीं जाएगा." राकांपा नेता सुप्रिया सुले ने कहा कि अब कर्नाटक और महाराष्ट्र में एक ही सत्ताधारी पार्टी है और सीमा विवाद को फिर से हवा देने से दोनों में से किसी भी राज्य के हित में नहीं होगा.
महाराष्ट्रातील एकही गाव कर्नाटकात जाणार नाही !
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) November 23, 2022
बेळगाव-कारवार-निपाणीसह मराठी भाषिकांची गावे मिळविण्यासाठी राज्य सरकार सर्वोच्च न्यायालयात भक्कमपणे लढा देईल !#Maharashtra pic.twitter.com/0sB1IIpIQA
क्या है महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद?
सीमा विवाद उस समय से है, जब राज्यों का गठन किया गया था. महाराष्ट्र ने दावा किया कि सीमा पर 865 गांवों को महाराष्ट्र में विलय कर दिया जाना चाहिए, जबकि कर्नाटक का दावा है कि 260 गांवों में कन्नड़ भाषी आबादी है.
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