Mandya Violence: कर्नाटक के मांड्या में गणपति विसर्जन के दौरान दो समुदायों में हुई झड़प के बाद 52 लोगों की गिरफ्तार किया गया है. कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने इसकी जानकारी दी. बताया गया कि गणेश विसर्जन के जुलूस के दौरान हुई हिंसा में दोनों समुदायों की तरफ से एक-दूसरे पर पथराव किया गया और पेट्रोल बम भी फेंके गए.


कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने बताया कि हिंसा के बाद इलाके में 48 घंटे का कर्फ्यू लगाया गया था और अब स्थिति काबू में हैं. बेंगलुरू में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति पर काबू पाया, 52 लोगों को गिरफ्तार करके इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था की गई हैं. 


अधिकारियों ने दी ये जानकारी


अधिकारियों ने बताया कि बुधवार (11 सितंबर) देर रात नागमंगला कस्बे में तनाव की स्थिति देखी गई, जहां दो पुलिसकर्मियों समेत कुछ लोग पथराव में मामूली रूप से घायल हो गए. हालांकि, स्थिति पर काबू पा लिया गया है और अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है.


नहीं जमा हो सकेंगे चार से अधिक लोग


अधिकारियों के मुताबिक, स्थिति के मद्देनजर 14 सितंबर तक इलाके में चार से अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक लगाने का आदेश लागू किया गया है. मांड्या के पुलिस सुपरिटेंडेंट मल्लिकार्जुन बलदंडी ने कहा, 'हमने बुधवार की घटना के सिलसिले में कई लोगों को गिरफ्तार किया है. स्थिति अब सामान्य हो गई है. लोग अपने दैनिक कामकाज कर रहे हैं. दुकानें खुली हैं. हमने कर्नाटक राज्य रिजर्व पुलिस के अतिरिक्त बल के साथ-साथ सादी वर्दी में अन्य पुलिस अधिकारियों को भी तैनात किया है.'


वाहनों में भी आग लगाई गई


पुलिस के मुताबिक गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने, हत्या का प्रयास, सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डालने, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और भारतीय न्याय संहिता की अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने बताया कि बुधवार को जब बदरिकोप्पलु गांव से श्रद्धालु शोभायात्रा निकाल रहे थे तब दो समूहों के बीच बहस हो गई और कुछ उपद्रवियों ने पथराव किया जिससे स्थिति बिगड़ गई. उन्होंने बताया कि दोनों समूहों के बीच झड़प के बाद कुछ दुकानों में तोड़फोड़ की गई और वाहनों में आग लगा दी गई. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने और स्थिति को संभालने के लिए हल्का बल प्रयोग किया. शोभायात्रा निकालने वाले युवाओं के समूह ने थाने के निकट विरोध प्रदर्शन किया और हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की.


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(इनपुट भाषा से भी)