Hijab Row: कर्नाटक अल्पसंख्यक विभाग का सर्कुलर- क्लास में हिजाब, भगवा शॉल और इसी तरह की किसी भी चीज पहनने पर रोक
Karnataka Hijab News: मुस्लिम छात्राओं ने बृहस्पतिवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय से अपील की कि उन्हें कम से कम शुक्रवार और रमजान के महीने में हिजाब पहनकर कक्षाओं में भाग लेने की अनुमति दी जाए.
Karnataka Hijab Row: कर्नाटक अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने अगले आदेश तक स्कूली छात्रों को भगवा शॉल, स्कार्फ, हिजाब, या धार्मिक झंडे और इसी तरह की किसी भी चीज को कक्षाओं के अंदर पहनने से रोक लगाई है. विभाग ने अगले आदेश तक दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए कहा है. वहीं दूसरी ओर हिजाब प्रतिबंध के खिलाफ लड़ रही मुस्लिम छात्राओं ने बृहस्पतिवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय से अपील की कि उन्हें कम से कम शुक्रवार और रमजान के महीने में हिजाब पहनकर कक्षाओं में भाग लेने की अनुमति दी जाए.
मुस्लिम समुदाय की छात्राओं ने दावा किया कि हिजाब पर प्रतिबंध पवित्र कुरान पर प्रतिबंध लगाने के बराबर है. उच्च न्यायालय ने अपने अंतरिम आदेश में हिजाब विवाद से संबंधित सभी याचिकाओं पर विचार लंबित रखते हुए पिछले सप्ताह सभी विद्यार्थियों को कक्षा के भीतर भगवा शॉल, स्कार्फ, हिजाब पहनने और कोई भी धार्मिक ध्वज लाने से रोक दिया था.
Karnataka Minority Welfare Department restrains students of schools under the Dept from wearing saffron shawls, scarfs, hijab, religious flags or similar inside classrooms until further orders pic.twitter.com/xPjfR74Np6
— ANI (@ANI) February 17, 2022
न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी, न्यायमूर्ति जे. एम. काजी और न्यायमूर्ति कृष्ण एस. दीक्षित की उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ के समक्ष मुस्लिम लड़कियों की ओर से पेश हुए वकील विनोद कुलकर्णी ने कहा, ‘‘गरीब मुस्लिम लड़कियां हिजाब पहनने पर प्रतिबंध के कारण पीड़ित हैं. मैं अदालत से लड़कियों को शुक्रवार (मुसलमानों के लिए जुम्मे का दिन) और रमजान के पवित्र महीने के दौरान हिजाब पहनने की अनुमति देने का आदेश पारित करने का अनुरोध करता हूं.’’
कुलकर्णी ने दलील दी कि हिजाब मुद्दे के कारण देश में एक ‘‘सामूहिक उन्माद’’ है. उन्होंने कहा कि हिजाब ‘‘स्वास्थ्य या नैतिकता के खिलाफ नहीं है.’’उनके अनुसार, हिजाब पर प्रतिबंध पवित्र कुरान पर प्रतिबंध लगाने के समान है. गौरतलब है कि उडुपी के एक कॉलेज की छह छात्राओं ने एक जनवरी को ‘कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया’ (सीएफआई) द्वारा शहर में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में भाग लिया था, जिसमें कॉलेज के अधिकारियों द्वारा हिजाब पहनकर उन्हें कक्षा में प्रवेश से वंचित करने का विरोध किया गया था.
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