Ram Mandir: कर्नाटक के रामनगर जिले के प्रभारी मंत्री सी एन अश्वत्थ नारायण (C. N. Ashwath Narayan) ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) से, अयोध्या (Ayodhya) में बन रहे श्रीराम मंदिर (Ram Tample) की तर्ज पर, रामदेवराबेट्टा में एक मंदिर बनाने के लिए, विकास समिति गठित करने का आग्रह किया है.
बोम्मई और धर्मादा मंत्री शशिकला जोले को लिखे पत्र में नारायण ने मांग की है कि, कर्नाटक के रामनगर जिले में रामदेवराबेट्टा को दक्षिण भारत के अयोध्या के रूप में विकसित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि रामदेवराबेट्टा में धर्मादा विभाग की 19 एकड़ जमीन का इस्तेमाल करके श्रीराम मंदिर का निर्माण किया जाना चाहिए.
नारायण ने कहा, ‘‘क्षेत्र के लोगों में विश्वास है कि सुग्रीव ने रामदेवराबेट्टा को स्थापित किया था. जिले के लोगों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, रामदेवराबेट्टा को एक विरासत और आकर्षक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाना चाहिए. इससे हम अपनी संस्कृति को प्रदर्शित कर सकेंगे और पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिलेगा.’’
उच्च शिक्षा मंत्री नारायण ने कहा, ‘‘लोगों का यह भी मानना है कि श्रीराम ने अपने वनवास के दिनों में, सीता और लक्ष्मण के साथ वन में एक वर्ष बिताया था. उनका यह भी मानना है कि सात महान संतों ने यहां अपनी तपस्या की थी. इसके अलावा, यह देश में एक प्रमुख गिद्ध संरक्षण क्षेत्र है.’’ उन्होंने पत्र में कहा कि रामदेवराबेट्टा और रामायण के बीच पारंपरिक संबंध त्रेतायुग से है.
कुछ दिन पहले मंत्री नारायण आए थे अयोध्या
उच्च शिक्षा मंत्री नारायण 15 दिसंबर को अयोध्या पहुंचे थे. यहां उन्होंने श्रद्धालुओं के साथ भगवान रामलला के दर्शन किए और राम मंदिर निर्माण में योगदान देने के लिए कर्नाटक के रामनगर जिले से लाई गई चांदी की ईंट अर्पित की थी. उन्होंने रामलला का दर्शन कर कहा था कि राम जन्मभूमि हमारी प्रेरणा है. उन्होंने कहा था कि अयोध्या हमारी पहचान है.
नारायण ने भगवान राम के बारे में कहा कि, हम जिस जिले से आते हैं उसका नाम रामनगर है. उन्होंने कहा कि जब भगवान राम वनवास गए थे, तो उस दौरान रामनगर में रुके थे. नारायण ने कहा कि उस समय रामनगर का नाम रामदेवराबेट्टा था. बाद में रामदेवराबेट्टा का नाम बदलकर रामनगर कर दिया गया था. मंत्री ने कहा कि रामनगर में जिस स्थान पर भगवान राम रुके थे उसी स्थान पर राम ने शिव की आराधना की थी. इसके बाद कर्नाटक के मंत्री ने कहा कि इसलिए भगवान राम से उस स्थान का बहुत पुराना संबंध है.