Ramesh Jigajinagi News: कर्नाटक से बीजेपी के लिए बुरी खबर सामने आई है. वरिष्ठ बीजेपी नेता और सांसद रमेश जिगाजिनागी ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में जगह नहीं मिलने के बाद पार्टी को 'दलित-विरोधी' करार दिया है. जिगाजिनागी कर्नाटक के एक प्रमुख दलित नेता हैं, जो सात बार सांसद रह चुके हैं. उन्होंने कैबिनेट में दलितों की कम हिस्सेदारी होने पर चिंता व्यक्त की है. 


मीडिया से बात करते हुए रमेश जिगजिनागी ने मोदी कैबिनेट से बाहर किए जाने को लेकर लोगों के बन रहे दबाव पर बात की. उन्होंने बताया कि कैसे उनके कई समर्थक कैबिनेट में जगह नहीं मिलने से निराश थे. उन्हें लगा कि बीजेपी दलित प्रतिनिधित्व की उपेक्षा कर रही है. सात बार के सांसद ने यहां तक दावा कर दिया कि मोदी कैबिनेट 3.0 पूरी तरह से स्वर्ण जातियों के मंत्रियों से भरी हुई है. कांग्रेस ने भी अब इस मुद्दे पर निशाना साधा है. 


बीजेपी के दलित विरोधी होने को लेकर किया गया आगाह: रमेश जिगाजिनागी


रमेश जिगाजिनागी ने कहा, "मुझे कैबिनेट पद की जरूरत नहीं है. मुझे लोगों की जरूरत है. जब मैं वापस (निर्वाचन क्षेत्र में) लौटा तो कई लोगों ने मुझे कोसा. कई लोगों ने मुझसे बहस की कि उन्होंने मुझे बीजेपी के दलित विरोधी होने के बारे में आगाह किया था."


उन्होंने आगे कहा, "(कैबिनेट पद के लिए) लोगों का दबाव है. यह न्याय है या अन्याय? पूरे दक्षिण भारत में मैं एकमात्र दलित नेता हूं जो सात बार (संसद के लिए) चुना गया. ऊंची जाति के सभी लोग (कैबिनेट मंत्री) बन गए. क्या दलितों ने बीजेपी का समर्थन नहीं किया है? मैं बहुत दुखी हूं."


कांग्रेस ने कसा तंज


वहीं, इस पूरे मुद्दे पर कांग्रेस का बयान भी सामने आया है, जिसने एक बार फिर बीजेपी को दलित विरोधी बताया है. कांग्रेस ने कहा, "बीजेपी और मोदी सरकार दलित विरोधी है. ये बात खुद बीजेपी के वरिष्ठ नेता और सात बार के सांसद रमेश चंदप्पा जिगाजिनागी ने कही हैं. जिगाजिनागी दलित समुदाय से आते हैं. मोदी सरकार में मंत्री नहीं बनाए जाने पर उन्होंने दुखी होकर कहा- मुझसे तमाम लोग कह रहे हैं कि बीजेपी दलित विरोधी है. मोदी सरकार की कैबिनेट में सारे ऊंची जाति के लोग भरे हैं."


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