Karnataka Muslim Resrvation: कर्नाटक में मुस्लिम समुदाय के लिए 4 फीसदी आरक्षण खत्म करने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज (18 अप्रैल) फिर सुनवाई होनी है. इससे पहले हुई सुनवाई में शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार से जवाब मांगा था. 13 अप्रैल (गुरुवार) को पिछली सुनवाई में कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वस्त किया था कि मंगलवार को सुनवाई से पहले इसे लागू नहीं किया जाएगा. सरकार मंगलवार को जवाब दायर कर सकती है.


सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को राज्य में विधानसभा चुनाव की घोषणा से दो दिन पहले 4 प्रतिशत मुस्लिम ओबीसी कोटा खत्म करने के लिए कर्नाटक सरकार को फटकार लगाई थी. न्यायमूर्ति केएम जोसेफ और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की पीठ ने कोर्ट के सामने पेश रिकॉर्ड को देखकर कहा, ऐसा लगता है कि कर्नाटक सरकार का निर्णय "बिल्कुल भ्रामक धारणा" पर आधारित था. हालांकि, कोर्ट ने कोटा खत्म करने के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को आश्वासन दिया था कि अगली सुनवाई से पहले इसमें कोई भी बदलाव नहीं किया जाएगा.


फैसले पर उठाए सवाल


अदालत ने कहा कि राज्य में मुस्लिम लंबे समय से इस आरक्षण का लाभ उठा रहे थे और कोटा खत्म करने का आदेश गलत धारणाओं पर आधारित था. राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा था कि आपके फैसले की बुनियाद 'त्रुटिपूर्ण और अस्थिर' है.


 बेल्लारी के एक मुस्लिम व्यक्ति के राज्य सरकार के मुस्लिम कोटा खत्म करने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.


कोर्ट ने सुनवाई में क्या कहा था ?


पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा, हम सिर्फ यह कह रहे हैं कि प्रथम दृष्टया, आपने जो आदेश पारित किया है, उससे लगता है कि आपकी निर्णय लेने की प्रक्रिया की नींव कमजोर और त्रुटिपूर्ण है.


न्यायमूर्ति नागरत्न ने मेहता से पूछा, एक अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर कोटा को समाप्त करने की इतनी जल्दी क्या थी. राज्य सरकार अंतिम रिपोर्ट का इंतजार कर सकती थी.


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