Karnataka Elections 2023: 'हम सड़क पर उतरेंगे, ये हमारा हक', कर्नाटक सरकार ने खत्म किया मुस्लिम आरक्षण तो भड़का वक्फ बोर्ड
Karnataka Muslim Reservation: कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने इस फैसले के जरिये वोक्कालिगा और लिंगायत समुदाय को मिलने वाला आरक्षण कोटा बढ़ा दिया है.
Waqf Board: कर्नाटक की बीजेपी सरकार ने नौकरियों और शिक्षा में मुस्लिमों को मिलने वाले 4 फीसदी आरक्षण को खत्म कर दिया. इस फैसले पर शनिवार (25 मार्च) को वक्फ बोर्ड ने नाराजगी जताई है. वक्फ बोर्ड ने आरक्षण को 2बी कैटेगरी में फिर से लागू करने की मांग की है. इसी के साथ दावा किया कि सरकार का हालिया फैसला चुनावी राज्य में वोटों के ध्रुवीकरण की एक कोशिश है.
वक्फ बोर्ड के एक सदस्य ने कहा कि हमें बीजेपी सरकार से कोई उम्मीद नहीं है. हम 4 फीसदी आरक्षण को 2बी कैटेगरी के तहत वापस करने की मांग करते हैं. उन्होंने कहा कि वो इस फैसले के जरिये वोटों का ध्रुवीकरण करना चाहते हैं. हमें अन्य जातियों को मिलने वाले आरक्षण पर कोई आपत्ति नहीं है. मुस्लिमों के साथ जो हुआ है, हम उससे दुखी हैं.
EWS कोटे में शामिल किए गए मुस्लिम
कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 से पहले बसवराज बोम्मई सरकार ने शुक्रवार (24 मार्च) को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में अल्पसंख्यकों के लिए 4 फीसदी आरक्षण खत्म करने का फैसला किया. इस फैसले के बाद अब मुस्लिमों को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) में शामिल कर दिया गया है. वहीं, बोम्मई सरकार ने इस 4 फीसदी आरक्षण को वोक्कालिगा और लिंगायत समुदायों में बांट दिया गया है.
हमें वापस चाहिए 2बी के तहत आरक्षण- वक्फ बोर्ड
वक्फ बोर्ड के सदस्य ने कहा कि 2बी कैटेगरी के तहत ये आरक्षण सीधे तौर पर हमारे (मुस्लिमों) लिए ही होता है. हमें ब्राह्मण, वैश्य, जैन जैसे मजबूत समुदायों के साथ प्रतिस्पर्धा करनी होगी. हमें अपना आरक्षण वापस चाहते हैं. उन्होंने कहा कि बोर्ड जल्द ही इस मामले में गर्वनर को ज्ञापन सौंपेंगे. उन्होंने ये भी कहा कि वक्फ बोर्ड इस मामले में सड़कों पर उतरेगा और विधानसभा की इमारत के सामने इस मुद्दे को उठाएगा.
कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने इस फैसले के जरिये वोक्कालिगा और लिंगायत समुदाय को मिलने वाला आरक्षण कोटा बढ़ा दिया है. वोक्कालिगा का कोटा अब 4 से बढ़कर 6 फीसदी हो गया है. लिंगायत समुदाय का कोटा 5 से बढ़कर 7 फीसदी कर दिया गया है. मुस्लिम समुदाय को अब गरीब सवर्णों वाले EWS के 10 फीसदी वाले कोटा में शामिल कर दिया गया है.
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