Karnataka New CM: अगर कांग्रेस ने ये जरूरी काम नहीं किया तो कर्नाटक में भी बन जाएंगे राजस्थान जैसे हालात!
Karnataka New CM Face: कर्नाटक में सीएम चुनने को लेकर कांग्रेस को बहुत ही सावधानी बरतनी होगी, वरना वहां भी राजस्थान जैसे हालात होने में देर नहीं लगेगी.
Karnataka New CM Face: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद अब कांग्रेस के सामने नई मुश्किल खड़ी हुई है. यह मुश्किल कर्नाटक के अगले सीएम को लेकर है. चुनाव नतीजों के तीन दिन बाद भी सीएम के नाम को लेकर मंथन चल रहा है. एक तरफ कर्नाटक प्रदेश अध्यक्ष के रूप में पार्टी का जबरदस्त जीत के हीरो बनकर उभरे डीके शिवकुमार हैं तो दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया है, जिनके पक्ष में तजुर्बा और विधायकों का ज्यादा समर्थन है. ऐसे में कांग्रेस ने अगर सही से दांव नहीं चला तो कर्नाटक में भी राजस्थान जैसे हालात बन सकते हैं.
एबीपी न्यूज के शो में वरिष्ठ पत्रकार कुर्बान अली ने इसी ओर इशारा करते हुए कहा कि शायद पार्टी आलाकमान डीके शिवकुमार से ये कहे कि अभी उनके पास वक्त है. ऐसे में उन्हें ढाई साल बाद या फिर अगली बार मौका दिया जा सकता है.
सरकार ही नहीं पार्टी के लिए भी मुश्किल
इसके साथ ही अली ने कहा कि यहां राजस्थान जैसी स्थिति बन रही है. अगर कांग्रेस पार्टी दोनों को बैठाकर सही ढंग से समझौता नहीं करा पाती है तो ये तनाव बना रहेगा. ये कर्नाटक में सरकार ही नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी के लिए भी मुश्किल बन सकता है.
सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार दोनों का दावा
कर्नाटक में सीएम पद के लिए सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार दावा कर रहे हैं लेकिन सूत्रों की माने तो सिद्धारमैया आगे निकल रहे हैं. कांग्रेस ने कर्नाटक में सरकार गठन का फॉर्मूला तय किया है. अब तक जो जानकारी सामने आ रही है, उसके अनुसार सिद्धारमैया एक बार फिर से मुख्यमंत्री बनाए जाएंगे.
डीके शिवकुमार को डिप्टी सीएम पद दिया जाएगा. इसके साथ ही डीके के पास राज्य में पार्टी की कमान भी होगी यानी वे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी रहेंगे. हालांकि, मल्लिकार्जुन खरगे को इस पर फैसला लेना है.
विधायकों से कराया गया था गुप्त मतदान
इसके पहले रविवार को कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक में कांग्रेस के केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने सीएम पद को लेकर उनकी राय जानी. इसमें विधायकों से अलग-अलग मौखिक बात की गई. साथ ही विधायकों से गुप्त मतदान कराया गया.
सोमवार को विधायकों की सीक्रेट पर्ची लेकर तीनों केंद्रीय पर्यवेक्षक नई दिल्ली पहुंचे और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को विधायकों की राय से अवगत कराया.
यह भी पढ़ें- कर्नाटक चुनाव: कांग्रेस की जीत और बीजेपी की हार में ‘4 एस कार्ड्स’ ने कैसे खेला पर्द के पीछे बड़ा खेल, जानें