(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Karnataka News: कर्नाटक में मंदिर तोड़ने के मुद्दे पर कांग्रेस और जेडीएस ने बीजेपी को घेरा, जानें पूरा मामला
Karnataka News: नंजनगोडू में 8 सितम्बर को जिस महादेवअम्मा मंदिर पर बुल्डोजर चला उसके बारे में प्रशासन का कहना है कि मंदिर का ये ढांचा 12 साल से ज्यादा पुराना नहीं है.
Karnataka News: कर्नाटक में मंदिर तोड़ने के मुद्दे पर अब राजनीति गरमा गई है. राज्य की बीजेपी सरकार अब विपक्ष कांग्रेस और जेडीएस के निशाने पर आ गई है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत मैसूरु के नंजनगुड स्थित एक मंदिर पर कार्रवाई की गई. जिस पर विपक्ष ने बीजेपी पर हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया है. मंदिर को क्षति पहुंचाने के मुद्दे पर बीजेपी बुरी तरह घिर चुकी है. चूंकि इस वक्त विधानसभा की कार्यवाही भी चल रही है, ऐसे में इस मुद्दे पर विपक्ष ने बीजेपी को घेरने की रणनीति बना दी है.
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में 2009 के बाद अवैध तरीके से बने हर धार्मिक स्थल को तोड़ने का आदेश दिया था, राज्य के मुख्य सचिव पी रविकुमार ने 1 जुलाई 2021 को कर्नाटक के सभी जिलों के DM को पत्र लिखा. इस पत्र में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए जिला प्रशासन और नगर निगमों को हर सप्ताह कम से कम 1 अवैध निर्माण को तोड़ना होगा. इस पत्र में ये भी बताया गया कि कर्नाटक में सार्वजनिक जगहों पर बने ऐसे कुल अवैध धार्मिक स्थलों की संख्या 6395 है. साल 2009 तक ये संख्या 5688 थी और पिछले 12 सालों में तकरीबन 2887 धार्मिक जगहों को या तो हटा दिया गया या फिर उन्हें दूसरी जगह बनाया गया.
कर्नाटक के दक्षिण कन्नडा जिले में सबसे ज्यादा 1579 अवैध धार्मिक ढांचे हैं, जबकि शिवमोगा में 740, बेलगावी में 612, कोलार में 397, बागलकोट में 352, धारवाड़ में 324, मैसूरु में 315 और कोप्पल में ऐसे 306 अवैध धार्मिक ढांचे हैं.
नंजनगोडू में 8 सितम्बर को जिस महादेवअम्मा मंदिर पर बुल्डोजर चला उसके बारे में प्रशासन का कहना है कि मंदिर का ये ढांचा 12 साल से ज्यादा पुराना नहीं है, जबकि स्थानीय लोगों का आरोप है कि ये ग्राम देवता का मंदिर है. आस पास के 5-6 गांव के लोगों के लिए ये आस्था का केंद्र था स्थानीय लोगों के मुताबिक ये मंदिर 80 साल पुराना है, कुछ साल पहले इसका जीर्णोद्धार किया गया, ये मंदिर अवैध निर्माण ढांचे की लिस्ट में था इसका गांव वालों को अंदाजा भी नहीं था. गांव वालों का आरोप है कि बिना पूर्व सूचना के सुबह सुबह प्रशासन ने मंदिर पर बुल्डोजर चलवा दिया.
इस पूरे मामले के सामने आने के बाद अब बीजेपी बैकफुट पर है. विपक्ष हिंदुओं की भावनाएं आहत करने का आरोप लगा रही है.
मामले को गर्माता देख अब सरकार ने भी पैर पीछे हटा दिए हैं. यहां तक कि विश्व हिंदू परिषद से लेकर मैसूरु के बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा भी विरोध में उतर आए. आनन फानन में बीजेपी की बोम्मई सरकार ने संयम बनाए रखने की मांग की है.
'आप काले कोट में हैं, इसका मतलब यह नहीं कि आपकी जान ज्यादा कीमती है' -सुप्रीम कोर्ट