नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मशहूर संस्कृत विद्वान विद्यावाचस्पति बन्नंजय गोविंदाचार्य के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि उन्हें साहित्य में उनके महान योगदान के लिये याद किया जाएगा.


पारिवारिक सूत्रों ने कहा कि उडुपी के अम्बल्पदी स्थित अपने आवास पर गोविंदाचार्य का रविवार को उम्र संबंधी बीमारियों की वजह से निधन हो गया. वह 85 साल के थे.


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “विद्यावाचस्पति बन्नंजय गोविंदाचार्य जी को साहित्य में उनके महान योगदान के लिए हमेशा याद किया जाएगा. संस्कृत और कन्नड़ भाषा के प्रति उनका गहरा लगाव सराहनीय था.”



प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, “उनकी रचनाएं आने वाली पीढ़ियों को प्रभावित करती रहेंगी. उनके निधन से दुखी हूं. उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं. ओम शांति.”


'मधवा' विचारधारा के प्रचारक गोविंदाचार्य को वर्ष 2009 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था. वह वेद भाष्य, उपनिषद भाष्य, महाभारत, रामायण और पुराणों के ज्ञाता थे.


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