Karnataka Oath Taking Ceremony: कर्नाटक में शपथ ग्रहण की तारीख तय, सीएम के नाम पर सस्पेंस बरकरार
Karnataka CM Oath Taking Ceremony: कर्नाटक में कांग्रेस की भारी जीत के बाद राज्य को जल्दी ही नया मुख्यमंत्री मिलने वाला है. इसके लिए दिन और तारीख तय कर दी गई है.
Oath Taking Ceremony On Karnataka: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद सभी के मन में एक ही सवाल कौंध रहा है कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? कांग्रेस की प्रचंड जीत ने नेताओं में जोश भरने का काम किया है लेकिन सत्ता किसके हाथ में रहेगी ये अभी तय नहीं हुआ है. इन सब के बीच सूत्रों के हवाले से खबर है कि पार्टी ने शपथ ग्रहण का दिन और तारीख तय कर दी है.
सूत्रों के मुताबिक शपथ ग्रहण समारोह गुरुवार (18 मई) के दिन तय किया गया है. इसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे शामिल होंगे. इसके साथ ही पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता के साथ-साथ समान विचारधारा वाली पार्टियों के नेताओं को आमंत्रित किया जाएगा. इतना सब कुछ तय होने के बाद पार्टी के सामने सबसे बड़ा मुद्दा यही है कि मुख्यमंत्री कौन होगा?
पर्यवेक्षकों की बातचीत के बाद होगा फैसला
दरअसल, कांग्रेस ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे, महासचिव जितेंद्र सिंह और पूर्व महासचिव दीपक बाबरिया को पर्यवेक्षक के रूप में चुना है. कांग्रेस ने रविवार (14 मई) को विधायक दल की एक बैठक बुलाई. सर्वसम्मति से कांग्रेस विधायक दल के नेता के चयन को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के निर्णय पर छोड़ने का फैसला किया है.
वहीं, जब विधायक दल की बैठक चल रही थी तभी सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के समर्थकों ने शांगरी-ला होटल के बाहर नारेबाजी की. डीके शिवकुमार के करीबी सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री पद से कम कुछ भी मंजूर नहीं, हमारे पास 75 विधायकों का समर्थन है.
डीके शिवकुमार या सिद्धारमैया?
फिलहाल में कांग्रेस पार्टी के पास दो ऑप्शन नजर आ रहे हैं. एक डीके शिवकुमार दूसरे सिद्धारमैया. उम्मीद की जा रही है कि पार्टी एक या दो दिन के अंदर सीएम के नाम पर मुहर लगा सकती है. इससे पहले डीके शिवकुमार ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी के लिए कई कुर्बानियां दी हैं.
वहीं, उन्होंने सिद्धारमैया के साथ मतभेद की खबरों का खंडन किया. उन्होंने कहा, “सिद्धारमैया और मेरे बीच किसी तरह का मतभेद नहीं है. मैंने पार्टी के लिए कुर्बानियां दी हैं और सिद्धारमैया के साथ खड़ा भी रहा हूं. मैंने हमेशा ही उनका सहयोग किया है.”