Karnataka Factories Act (Amendment) 2023: कर्नाटक विधानसभा ने महिलाओं को कारखानों में रात की पाली में काम करने के लिए विधेयक पारित किया है. इस कानून के बन जाने से कर्नाटक की कामकाजी महिलाओं को काफी आराम मिलेगा. इस बिल की वजह से अब कर्नाटक की फैक्ट्रियों में काम करने वाली महिलाएं रात में भी ड्यूटी कर सकेंगी. 


यह उन कर्मचारियों को भी अनुमति देता है जो लगातार चार दिनों तक दिन में 12 घंटे काम करते हैं और सप्ताह में तीन दिन छुट्टी ले सकते हैं. कर्नाटक कारखाना (संशोधन) विधेयक, विधानसभा में बिना किसी बहस के पारित हो गया. कानून और संसदीय मामलों के मंत्री जेसी मधुस्वामी ने कहा, "महिलाओं के लिए काम के घंटे सीमित थे और सॉफ्टवेयर उद्योग सहित सरकार पर इसमें ढील देने का दबाव था."


सभी को समान अवसर देने की कोशिश


कानून और संसदीय मामलों के मंत्री जेसी मधुस्वामी ने कहा, "महिलाओं के लिए काम के घंटे सीमित थे और सरकार पर सॉफ्टवेयर उद्योग सहित इसमें ढील देने का दबाव था. इतना ही उच्च न्यायालय ने भी निर्देश दिया था कि संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत सभी को समान अवसर प्रदान किया जाना चाहिए." इससे पहले बीजेपी की प्रदेश सरकार ने 2020 में होटल, रेस्तरां, कैफे, थिएटर और ऐसी अन्य दुकानों और प्रतिष्ठानों में महिलाओं को रात की पाली में काम करने की अनुमति दी थी. 


सप्ताह में 48 घंटे काम करने की इजाजत


यह विधेयक सरकार को दैनिक काम के घंटे 9 से बढ़ाकर 12 करने की अनुमति देता है, लेकिन सप्ताह में 48 घंटे से अधिक नहीं. यह अधिक आर्थिक गतिविधियों और रोजगार के अवसर पैदा करेगा. मंत्री ने कहा, "हम काम के घंटे बढ़ाकर प्रतिदिन 12 घंटे कर रहे हैं. जो लोग चार दिनों तक लगातार 12 घंटे काम करते हैं, जो 48 घंटे से अधिक नहीं है, इसके अलावा बिल में तीन दिनों के लिए छुट्टी ले सकते हैं." विधेयक के अनुसार, महिलाएं शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे के बीच काम कर सकती हैं, लेकिन यह उन सुरक्षा उपायों की सूची के अधीन है जिन्हें नियोक्ताओं की ओर से लागू करने की आवश्यकता होती है.


महिलाओं को नाइट शिफ्ट मिलेगी कैब


इस बिल में महिलाओं की सुरक्षा देखते हुए साफ कहा गया है कि कार्यस्थल पर नियोक्ता या अन्य जिम्मेदार व्यक्तियों का यह कर्तव्य होगा कि वे यौन उत्पीड़न के कृत्य को रोकें. इस बिल में महिला कर्मचारियों को नाइट शिफ्ट में लाने और वापस ले जाने के लिए कैब की व्यवस्था उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया गया है. महिला कर्मचारियों को कम से कम 10 के बैच में नियोजित किया जाना चाहिए.


CCTV फुटेज सेव करके रखे जाएंगे


बिल के अनुसार, कारखानों में उचित प्रकाश व्यवस्था और सीसीटीवी कवरेज होना चाहिए, जिनके फुटेज को कम से कम 45 दिनों के लिए सेव करके रखा जाना चाहिए. नियोक्ताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि महिलाओं के लिए उपयुक्त काम करने की स्थिति है और किसी भी कर्मचारी के पास यह मानने के लिए उचित आधार नहीं होना चाहिए कि वह अपने रोजगार के संबंध में वंचित है. अब यह विधेयक विधान परिषद में पेश किया जाएगा. 


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