कर्नाटक में सरकार का संकट टालने के लिए कमलनाथ जा रहे हैं बेंगलुरू- सूत्र
कर्नाटक में कांग्रेस को थोड़ी राहत मिली है. कांग्रेस के एक बागी विधायक ने कहा है कि सिद्धरमैया और दिनेश गुंडु राव ने मुझसे मुलाकात की और मुझसे इस्तीफा वापस लेने और पार्टी में बने रहने का अनुरोध किया.
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नई दिल्ली: कर्नाटक में जारी सियासी संकट के बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ आज से दो दिनों के दौरे पर बेंगलुरू जा रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, कमलनाथ के ऊपर कर्नाटक सरकार के संकट को टालने की जिम्मेदारी दी गई है. कर्नाटक में करीब एक सप्ताह से कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार संकट में है.
कांग्रेस के 13 और जेडीएस के तीन विधायकों ने अपना इस्तीफा दे दिया है. इसके अलावा दो निर्दलीय विधायकों ने भी एचडी कुमारस्वामी की सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है. यानि गठबंधन सरकार से कुल 18 विधायक नाता तोड़ चुके हैं. बागी विधायक फिलहाल मुंबई में हैं.
कांग्रेस को थोड़ी राहत कांग्रेस-जेडीएस अपने बागी विधायकों को वापस लाने की कोशिश में जुटी है. इस बीच, बागी विधायकों में से एक ने संकेत दिया है कि वह अपने इस्तीफे पर पुनर्विचार कर सकते हैं और अन्य विधायकों को भी मनाने की कोशिश करेंगे. आवास मंत्री एमटीबी नागराज ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने उनसे मुलाकात की और उन्हें अपना इस्तीफा वापस लेने को कहा.
नागराज होसकोट से कांग्रेस विधायक हैं. उन्होंने पिछले हफ्ते विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था. नागराज ने कहा, ‘‘सिद्धरमैया और दिनेश गुंडु राव ने मुझसे मुलाकात की और मुझसे इस्तीफा वापस लेने और पार्टी में बने रहने का अनुरोध किया. इस पर विचार करने के लिए मैंने समय मांगा है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उनसे कहा कि मैं चिक्कबल्लापुरा विधायक सुधाकर से बात करूंगा और इस्तीफा वापस लेने के लिए उन्हें मनाउंगा.’’
मामला सुप्रीम कोर्ट में है. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस-जेडीएस के 16 में से 10 बागी विधायकों के इस्तीफे पर विधानसभा अध्यक्ष को 16 जुलाई तक यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया था. वहीं बेंगलुरू में मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने सदन में विश्वास मत कराने की घोषणा की थी.
कर्नाटक संकट : पर्दे के पीछे असंतुष्ट विधायकों को मनाने में जुटी कांग्रेस
सत्तारूढ़ गठबंधन में विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) को छोड़कर कुल 116 विधायक (कांग्रेस के 78, जद(एस) के 37 और बीएसपी के 1) हैं. दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन के साथ 224 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के विधायकों की संख्या अब 107 है.
अगर गठबंधन के 16 विधायकों के इस्तीफे मंजूर किए जाते हैं, तो सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों की संख्या घट कर 100 रह जाएगी. स्पीकर का भी एक वोट होता है.
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