नई दिल्लीः कर्नाटक की राजनीति में आज जो तस्वीरें देखने को मिली उसने लोकतंत्र का मज़ाक बना कर रख दिया है. विधान सौदा के पावन परिसर में आज वो हुआ जो शायद ही कभी हुआ हो. कर्नाटक में सरकार बचाने की कवायद जारी है तो दूसरी ओर इस्तीफों का सिलसिला थम नहीं रहा. आज फिर दो विधायकों के इस्तीफों के साथ ही सब तक इस्तीफे देने वाले विधायकों की संख्या 16 हो गई है. वहीं दो निर्दलीय विधायकों ने पहले ही बीजेपी को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है. दरअसल आज एमटीबी नागराज और डॉ के सुधाकर ने इस्तीफा सौंप दिया. इस्तीफा सौंपकर लौट रहे डॉ सुधाकर को कांग्रेस के नेताओं द्वारा खींच कर केजे जॉर्ज के कमरे में ले जाया गया. इतना ही नहीं उन पर हाथापाई भी हुई और दो घंटे तक सुधाकर को कमरे में बंद रखा गया. इसे बीजेपी ने काला दिन करार दिया है साथ ही कांग्रेस पर अपने ही विधायक पर मारपीट करने का आरोप लगाया है. इसके खिलाफ बीजेपी ने उसी कमरे के बाहर विरोध प्रदर्शन किया तो कांग्रेस ने भी बीजेपी के खिलाफ खूब नारेबाजी की.


गठबंधन सरकार फिलहाल टूट की कगार पर है. लेकिन स्पीकर के फैसले ने थोड़ा वक़्त गठबंधन की सरकार को ज़रूर दे दिया है. बता दें कि स्पीकर ने अब तक दिए गए इस्तीफों में कल पांच और आज दो विधायकों को मिलने के लिए बुलाया है. बाकी 8 विधायकों के इस्तीफे सही फॉर्मेट में नहीं होने के कारण रिजेक्ट किए गए हैं. सूत्रों की मानें तो उन आठ विधायकों ने स्पीड पोस्ट से दोबारा स्पीकर को इस्तीफे सौंपे हैं.


वहीं ये नाटक मुंबई में भी देखा गया जहां विधायकों को मनाने पहुंचे डीके शिवकुमार को होटल के अंदर एंट्री नहीं मिली. इसके बाद विरोध प्रदर्शन करने पर डीके शिवकुमार को हिरासत में लेकर वापस भेज दिया गया है. इसके खिलाफ बेंगलुरु में कांग्रेस के सभी नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और कर्नाटक के हालात पर सीधे प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगाया. विरोध प्रदर्शन में राज्य के कांग्रेस नेताओं के अलावा ग़ुलाम बेबी आज़ाद और बीके हरिप्रसाद भी शामिल थे. वहीं जेडीएस से देवेगौड़ा भी पहुंचे. कांग्रेस और जेडीएस ने विरोध प्रदर्शन में बीजेपी पर खरीद फरोख्त का आरोप लगाया जिसके बाद उन सभी को हिरासत में लिया गया.


उधर एक के बाद एक इस्तीफे के बाद बीजेपी भी गठबंधन की सरकार को घेरने में लगी है. बीजेपी लगातार गठबंधन सरकार को अल्पमत की सरकार बताकर एचडी कुमारस्वामी का इस्तीफा मांग रही है. इस बाबत बीजेपी ने विधान सौदा में विरोध प्रदर्शन नहीं किया. साफ है कर्नाटक का नाटक अब और लंबा जाता दिख रहा है जहां अब ये लड़ाई विधान सौदा से लेकर सड़क और विरोध प्रदर्शन तक आ पहुंची है.


नंबर किसके पास?
अब तक 16 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं. विधानसभा सीटें 224 हैं और 16 विधायक इस्तीफे दे चुके हैं. ऐसे में संख्या बचती है 208 और मैजिक नंबर 105 हो जाता है. इस वक़्त बीजेपी के पास 105 विधायक हैं वहीं दो निर्दलीय भी कांग्रेस से समर्थन वापस लेकर बीजेपी को दे चुके हैं. ऐसे में फ्लोर टेस्ट में 107 होंगे.


वहीं कांग्रेस के 78 में से 13 इस्तीफों के बाद नंबर 65 हो जाते है वहीं जेडीएस के 37 में से 3 इस्तीफे के बाद संख्या 34 ही जाती है. वहीं बीएसपी का एक विधायक है. ऐसे में टोटल नंबर 100 आई और बहुमत के लिए 105 की जरूरत है.


ऐसे में सरकार गिरने की कगार पर है. हालांकि स्पीकर के फैसले ने गठबंधन को कुछ वक़्त ज़रूर दिया है लेकिन बागी विधायक पीछे हटने को तैयार नहीं है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि आखिर अब गठबंधन कौनसी रणनीति बनाता है या फिर बीजेपी सरकार बनाने में कामयाब होगी.


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