Karnataka Politics: 'कर्नाटक में नहीं है ढाई-ढाई साल का सीएम फॉर्मूला', मंत्री ने किया ये दावा तो डीके शिवकुमार क्या बोले?
Karnataka Minister: कांग्रेस के कई सूत्रों ने दावा किया कि मुख्यमंत्री का पद सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच शेयर किया जाएगा. हालांकि इसको लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई.
Karnataka Deputy CM DK Shivakumar: हाल ही में कर्नाटक में शानदार जीत हासिल करने के बाद कांग्रेस की सरकार बनी है. पार्टी हाईकमान की मुहर लगने के बाद वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया ने मुख्यमंत्री और पार्टी के राज्य ईकाई के प्रमुख डीके शिवकुमार उप मुख्यमंत्री बने हैं. कर्नाटक के नतीजे 13 मई को आए थे और 7 दिन बाद 20 मई को नई सरकार का गठन हुआ था.
मगर, सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम शिवकुमार को लेकर ढाई-ढाई साल के लिए कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर बात सामने आ रही है. कर्नाटक के मंत्री और कांग्रेस विधायक एमबी पाटिल ने इस खबर पर स्थिति साफ कर दी है. एमबी पाटिल ने कहा, "सिद्धारमैया पांच साल के लिए सीएम रहेंगे. सत्ता की साझेदारी का समझौता होता तो वरिष्ठ नेता सूचित करते. ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है. अगर ऐसा कोई प्रस्ताव होता, तो केसी वेणुगोपाल या एआईसीसी महासचिव सूचित करते."
मैं उस बारे में बात नहीं करूंगा- डीके
वहीं, कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने इस विवाद पर विराम लगाते हुए मंगलवार (23 मई) को कहा, "कोई कुछ भी कहे. मैं उस बारे में बात नहीं करूंगा. कांग्रेस राज्य की सत्ता और पार्टी के अन्य मुद्दों को देखने के लिए है. कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता हैं. हमारी प्राथमिकता केवल राज्य का सर्वांगीण विकास है."
सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच शेयर!
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कांग्रेस के कई सूत्रों ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री का पद सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच शेयर किया जाएगा. सूत्रों ने यह भी दावा किया था कि डीके शिवकुमार पहले उन्हें कार्यकाल दिए जाने की मांग की थी. शिवकुमार से इस बारे में कहा कि "अब ध्यान केवल शासन, लोगों और देश पर है".
दरअसल, कर्नाटक में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार सीएम पद की दौड़ में थे. दोनों नेताओं ने 20 मई को अन्य मंत्रियों के साथ शपथ ली. इस दौरान राज्य में विपक्षी एकता भी खूब देखने को मिली थी. कांग्रेस ने 10 मई को कर्नाटक विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत से जीत हासिल करते हुए 224 सीटों में से 135 सीटें अपने नाम की थीं. बीजेपी ने 66 और जेडीएस ने 19 सीटें हासिल की हैं.
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