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Karnataka: 'अगर ऐसा हुआ तो...', धर्मांतरण रोधी और गोहत्या रोकथाम अधिनियम को रद्द करने के वादे पर महंतों ने दी सिद्धारमैया सरकार को चेतावनी
Karnataka Anti Conversion law: कर्नाटक के धर्मांतरण-रोधी कानून और गोहत्या रोकथाम अधिनियम को लेकर बयाबनाजी शुरू हो गई है.
![Karnataka: 'अगर ऐसा हुआ तो...', धर्मांतरण रोधी और गोहत्या रोकथाम अधिनियम को रद्द करने के वादे पर महंतों ने दी सिद्धारमैया सरकार को चेतावनी Karnataka Priest on Anti Conversion law and cow slaughter Siddaramaiah Karnataka: 'अगर ऐसा हुआ तो...', धर्मांतरण रोधी और गोहत्या रोकथाम अधिनियम को रद्द करने के वादे पर महंतों ने दी सिद्धारमैया सरकार को चेतावनी](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/07/01/87a00a5162f3c89b17d87c77966dfcc61688206931445528_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Karnataka Anti Conversion law: दक्षिण कन्नड़ जिले के विभिन्न मठों के प्रमुखों ने धर्मांतरण-रोधी कानून (anti conversion law) और गोहत्या रोकथाम अधिनियम (anti-cow slaughter) को रद्द करने संबंधी कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार के फैसले का कड़ा विरोध किया है.
ओडियुरु मठ के गुरुदेवानंद स्वामी ने मेंगलुरु में मीडिया से बात करते हुए बताया कि महंतों की बैठक में ‘कर्नाटक धार्मिक स्वतंत्रता अधिकार संरक्षण अधिनियम’ को वापस लेने और ‘कर्नाटक पशु वध रोकथाम एवं संरक्षण अधिनियम’ में संशोधन करने के फैसले को लेकर कुछ मंत्रियों के हालिया बयानों की निंदा की गई.
महंतों ने क्या कहा?
महंतों ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार से आग्रह किया कि वे अधिनियमों में बदलाव के किसी भी कदम पर आगे न बढ़ें क्योंकि इससे दक्षिण कन्नड़ और कर्नाटक के अन्य जिलों में सामाजिक अशांति फैल सकती है.
गुरुदेवानंद स्वामी ने इस कदम को ‘‘हिंदू विरोधी’’ करार देते हुए कहा कि सरकार को हिंदुओं की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचानी चाहिए. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार इस कदम पर आगे बढ़ती है तो महंत भूख हड़ताल करेंगे.
धर्मांतरण-रोधी कानून पर क्या कहा?
वज्रदेही मठ के प्रमुख राजशेखरानंद स्वामी ने कहा कि अगर धर्मांतरण-रोधी कानून रद्द किया जाता है या गोहत्या अधिनियम में बदलाव किया जाता है तो वे कानूनी रास्ता भी अपनाएंगे. बैठक में दक्षिण कन्नड़ जिले के 10 मठों के प्रमुखों ने हिस्सा लिया.
बता दें कि राज्य सरकार ने जून में कहा था कि वह तीन जुलाई से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में धर्मांतरण-रोधी कानून को रद्द करने के लिए एक विधेयक पेश करेगी. इसको लेकर बीजेपी भी कांग्रेस की आलोचना कर रही है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने कहा था कि बीजेपी सरकार के लाए गए धर्मांतरण विरोधी कानून को हिंदू विरोधी कांग्रेस ने निरस्त कर रही है.
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