Karnataka Job Quota Row: कर्नाटक में जैसे ही प्राइवेट नौकरियों में आरक्षण का ऐलान किया गया है, वैसे ही इसे लेकर विवाद शुरू हो गया. अब इस पर मोदी सरकार के मंत्री ने भी समर्थन दे दिया है. केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने बुधवार (17 जुलाई) को कहा कि उनकी पार्टी, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले), भारत सरकार और राज्य सरकारों से मांग करती है कि वे ओबीसी या अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों के लिए निजी क्षेत्र की नौकरियों में आरक्षण दें.


एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, रामदास अठावले ने कहा कि एससी और एसटी से बहुत से लोग प्राइवेट कंपनियों में नौकरी की तलाश में हैं, लेकिन कोई आरक्षण नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने आशंका जताते हुए कहा कि जल्द ही शायद सरकारी कंपनियां भी प्राइवेट सेक्टर में तब्दील हो जाएंगी. अठावले एनडीए सरकार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री हैं. 


सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों का नहीं है विरोध- अठावले


इस दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास अठावले ने कहा, "मेरी पार्टी भारत सरकार और राज्य सरकारों से प्राइवेट सेक्टर में ओबीसी को आरक्षण देने की मांग करती है. उन्होंने कहा कि हम सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों का विरोध नहीं कर रहे हैं. रामदास अठावले की ये मांग कर्नाटक में प्राइवेट सेक्टर की गैर-प्रबंधन स्तर की 70 प्रतिशत नौकरियों और प्रबंधन स्तर पर 50 प्रतिशत नौकरियों को कन्नड़ लोगों के लिए आरक्षित करने के कदम को लेकर उठे विवाद के बीच आई है.


 






प्राइवेट जॉब में रिजर्वेशन को लेकर श्रम मंत्री ने दी सफाई


हालांकि, इससे पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने दावा किया था कि सूबे में 100 प्रतिशत आरक्षण होगा. जहां मंगलवार (17 जुलाई) को सोशल मीडिया पर की गई उस घोषणा को आज दोपहर में उस पोस्ट को हटा दिया गया. वहीं, कर्नाटक सरकार में श्रम मंत्री संतोष एस लाड मीडिया के सामने आए और उन्होंने सफाई पेश की. उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि कर्नाटक में प्राइवेट कंपनियों में नॉन-मैनेजमेंट रोल के लिए 70 फीसदी और मैनेजमेंट लेवल पदों के लिए 50 फीसदी रिजर्वेशन की सीमा सीमित रहेगी. 


स्थानीय लोगों के लिए नौकरियां सुनिश्चित करने की जरूरत- किरण मजूमदार


वहीं, कर्नाटक सरकार के आरक्षण के फैसले को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली है. जहां कुछ कारोबारी नेताओं ने इसे "भेदभावपूर्ण" बताया, जबकि बायोकॉन की किरण मजूमदार-शॉ ने कहा कि स्थानीय लोगों के लिए नौकरियां सुनिश्चित करने की जरूरत है, लेकिन उन्होंने कुछ शर्तें भी जोड़ीं है.


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