(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Kannada Controversy: कर्नाटक में कन्नड़ समर्थकों का बवाल, कई शॉपिंग सेंटर्स में तोड़फोड़, केंद्रीय मंत्री बोले-यह इंग्लैंड नहीं है
Kannada Issue: कर्नाटक पुलिस ने इस मामले में केआरवी संयोजक टीए नारायण गौड़ा सहित 700 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया. हालांकि बाद में इन्हें छोड़ दिया गया. पुलिस ने कुल चार मामले दर्ज किए हैं.
Karnataka Language Controversy: केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कर्नाटक में दुकानों के साइन बोर्ड मुख्य रूप से स्थानीय भाषा में होने की मांग को लेकर बुधवार को काफी बवाल हुआ. यहां कन्नड़ समर्थक कई संगठनों ने शहर के अलग-अलग इलाकों में शॉपिंग सेंटर्स में तोड़फोड़ की. वहीं, दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी इस मांग का समर्थन किया है. उन्होंने बुधवार (27 दिसंबर) को कहा कि, "हालांकि मैं हिंसा से सहमत नहीं हूं, लेकिन मैं इस मांग से सहमत हूं कि कर्नाटक में दुकानों के साइन बोर्ड मुख्य रूप से स्थानीय भाषा में होने चाहिए."
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में कन्नड़ समर्थक समूहों की ओर से उत्पात मचाने के कुछ घंटों बाद एनडीटीवी से बात करते हुए, धारवाड़ के सांसद ने कहा कि "दुकानदार केवल अंग्रेजी में साइनेज लिखने पर जोर क्यों देते हैं." उन्होंने कहा, "अगर हिंसा हुई है तो उसे मंजूरी नहीं दी जा सकती लेकिन इन लोगों (दुकानदारों) को भी स्थानीय भावना और आवश्यकता को समझना चाहिए." प्रह्लाद जोशी ने आगे कहा, हर कोई बोर्ड पर लिखी चीजों को पढ़ने में सक्षम होना चाहिए. सभी अंग्रेजी नहीं पढ़ सकते, ऐसे में कन्नड़ के साथ-साथ इंग्लिश या हिंदी जैसे किसी अन्य भाषा में लिखने में क्या नुकसान है? यह इंग्लैंड नहीं है."
क्या है इसे लेकर नियम
दरअसल, बेंगलुरु में नागरिक नियमों के अनुसार, साइनेज का 60 प्रतिशत हिस्सा राज्य की स्थानीय भाषा में लिखा जाना चाहिए, लेकिन कई दुकानों में विशेष रूप से मॉल में नियम की अनदेखी की जाती है. बुधवार को इस नियम को अनदेखा करने वाली शहर की 20 से अधिक दुकानों में कन्नड़ समर्थक समूहों की ओर से तोड़फोड़ की गई.
#WATCH | Bengaluru: Kannada Raksha Vedhike holds a protest demanding all businesses and enterprises in Karnataka to put nameplates in Kannada. pic.twitter.com/ZMX5s9iJd0
— ANI (@ANI) December 27, 2023
यहां से शुरू हुआ था विवाद
कहा जा रहा है कि यह पूरा विवाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, के अक्टूबर में दिए गए एक भाषण से शुरू हुआ है, जिसमें उन्होंने कहा था कि "इस राज्य में रहने वाले हर व्यक्ति को कन्नड़ बोलना सीखना चाहिए."
सीएम ने कड़ी कार्रवाई की कही बात
वहीं, दूसरी ओर कर्नाट के सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि उन्हें आज की घटना की जानकारी है. हम उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे जिन्होंने कानून अपने हाथ में लिया और कानून के खिलाफ गए."
28 फरवरी तक सभी को मानना होगा नियम
वहीं, बीबीएमपी प्रमुख तुषार गिरि नाथ का कहना है कि नागरिक निकाय के अधिकार क्षेत्र के तहत वाणिज्यिक दुकानों को 28 फरवरी तक नियम का पालन करना होगा, ऐसा न करने पर उन्हें व्यापार लाइसेंस के निलंबन सहित कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.
एयरपोर्ट समेत इन जगहों पर तोड़फोड़
जानकारी के मुताबिक, बुधवार को इस भाषा विवाद को दक्षिणपंथी समूह कर्नाटक रक्षणा वेदिके ने हवा दी. यह संगठन कन्नड़ के अनिवार्य उपयोग पर जोर देता है. इसके सदस्यों ने बुधवार को केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और एमजी रोड, ब्रिगेड रोड, लावेल रोड और सेंट मार्क्स रोड स्थित शॉपिंग सेंटरों पर भी तोड़फोड़ की. केआरवी के समर्थकों ने दुकानों और व्यवसायों के अंग्रेजी भाषा के साइनबोर्ड को क्षतिग्रस्त कर दिया.
आरोपियों को हिरासत में लेकर छोड़ा
कर्नाटक पुलिस ने केआरवी संयोजक टीए नारायण गौड़ा सहित 700 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया और कहा कि अन्य कन्नड़ समर्थक संगठन भी इसमें शामिल थे, उनकी तलाश का जा रही है. बेंगलुरु पुलिस ने दो पुलिस डिवीजनों में कन्नड़ समर्थक संगठनों के सदस्यों के खिलाफ चार मामले दर्ज किए हैं. हालांकि प्रदर्शनकारियों को कर्नाटक पुलिस अधिनियम के तहत हिरासत में लिया, लेकिन शाम को रिहा कर दिया.
'कन्नड़ को नजरअंदाज किया तो काम नहीं करने देंगे'
टीए नारायण गौड़ा ने कहा, "नियम के अनुसार, 60 प्रतिशत साइनबोर्ड और नेमप्लेट कन्नड़ में होने चाहिए. हम किसी भी कंपनी या बिजनेस के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन यदि आप कर्नाटक में व्यवसाय कर रहे हैं तो आपको हमारी भाषा का सम्मान करना होगा. यदि आप कन्नड़ को नजरअंदाज करते हैं या कन्नड़ को छोटे अक्षरों में लिखवाते हैं, तो हम आपको यहां काम नहीं करने देंगे.
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