पटना: कर्नाटक में येदुरप्पा के स्तीफे के बाद अब जेडीएस नेता कुमारस्वामी बुधवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. बताया जा रहा है कि कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में विपक्षी दल के कई नेता मौजूद रहेंगे और इसके जरिए बीजेपी के खिलाफ तीसरा मोर्चा खड़ा किया जाएगा.
वहीं कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन को लेकर बिहार के नेताओं ने अलग-अलग प्रतिक्रिया दी है. बिहार में बीजेपी नेताओं ने कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले येदुरप्पा ने अटल बिहारी वाजपेयी के महान धरोहर का पालन किया. जबकि राजद, कांग्रेस, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा समेत विपक्षी दलों ने कहा कि ये बीजेपी की ताबूत में आखिरी कील है.
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा, ‘‘बीजेपी ने बिहार में पिछले साल जिस तरह किया, उसी तरह वह कर्नाटक में भी पिछले दरवाजे से सत्ता में आने की कोशिश कर रही है. लेकिन उसे उसी दरवाजे से चले जाने को कहा गया है.’’उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कटाक्ष किया कि क्या कुमार की चुप्पी को बीजेपी की गंदी हरकतों पर मुहर समझा जाए.
विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने कर्नाटक मामले पर कहा कि यह लोकतंत्र की जीत और बीजेपी की हार है. यह मोदीमुक्त भारत की शुरुआत है. हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि लोकतंत्र और संविधान धनबल और बाहुबल पर जीत गया. यह जीत बीजेपी की ताबूत में आखिरी कील साबित होगा.
उधर उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राज्यपाल वजूभाई वाला ने येदुरप्पा को निमंत्रित कर कुछ भी गलत नहीं किया. वहीं बीजेपी नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने कर्नाटक घटनाक्रम को पार्टी नेतृत्व के लिए असहज और नैतिक मापदंड की हार करार दिया. उन्होंने ट्वीट किया कि जिन लोगों ने माननीय प्रधानमंत्री को गुमराह किया, खासकर जिन्होंने उनकी उपस्थिति में जीत की घोषणा की, उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और बाहर का दरवाजा दिखा दिया जाना चाहिए.