VHP Bail Plea Rejected: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के पदाधिकारी शरण पम्पवेल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 295A (जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का दुर्भावनापूर्ण इरादा) के तहत मामला दर्ज किया गया था. इसको लेकर मंगलवार को कर्नाटक के तुमकुरु जिले की सत्र अदालत ने अभद्र भाषा के मामले में पम्पवेल की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी. 


शरण पम्पवेल को भाषण देने के लिए बुलाया गया था. इसमें उन्होंने कहा था कि पिछले साल सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की युवा शाखा के सदस्य प्रवीण नेतरू की हत्या के प्रतिशोध में एक मुस्लिम व्यक्ति मोहम्मद फाजिल को अन्य मुसलमानों के सामने मार दिया गया था. उन्होंने कहा था कि फाजिल की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी. 


गुजरात दंगों का भी किया जिक्र


शरण पम्पवेल ने गुजरात में हुए 2002 दंगों का भी जिक्र किया और कहा कि हिंदू घर पर नहीं बैठें. इसके बाद पम्पवेल पर भारतीय दंड संहिता की धारा 295A (जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का दुर्भावनापूर्ण इरादा) के तहत मामला दर्ज किया गया था. फाजिल के पिता फारूक ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराकर पंपवेल के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग की थी.


क्या है फाजिल हत्याकांड और गुजरात दंगे?


कर्नाटक के मंगलुरु जिले में 28 जुलाई 2022 की शाम को जिले के बाहरी हिस्से में स्थित सूरथकल में 23 साल के युवक मोहम्मद फाजिल की चार-पांच अज्ञात सशस्त्र हमलावरों ने हत्या कर दी थी. पुलिस ने दावा किया था फाजिल की हत्या सुहास, मोहन, गिरि और अमित ने मिलकर की थी. हत्या के बाद पुलिस ने सूरथकल, मुल्की, बाजपे, पनंबूर में धारा 144 लागू कर दी थी.


वहीं गुजरात में फरवरी, 2002 में गोधरा रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन में आग लगने की घटना के बाद राज्य के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर साम्प्रदायिक हिंसा हुई थी. जानकारी के मुताबिक इसमें कई लोगों की जान गई थी. इसके अलावा सैकड़ों करोड़ों रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ था. 


ये भी पढ़ें: ABP Shikhar Sammelan: 2024 लोकसभा चुनाव पर सीएम योगी आदित्‍यनाथ की बड़ी भविष्‍यवाणी, जानें क्‍या कहा