Karnataka Shivamogga Violence: कर्नाटक के शिवमोगा (Shivamogga) में दो समूहों के बीच विवाद के बाद तनाव को देखते हुए सुरक्षा काफी बढ़ा दी गई है. वहीं, इलाके में कर्फ्यू जारी है. शिवमोगा हिंसा को लेकर एडीजीपी आलोक कुमार (ADGP Alok Kumar) ने कहा कि अभी इलाके में शांति है और हमारे अधिकारी लगातार पेट्रोलिंग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि गुरुवार तक धारा 144 लागू रहेगी. भद्रावती और शिवमोगा में शराब की बिक्री पर भी फिलहाल रोक लगा दी गई है. एडीजीपी ने बताया कि यहां पर 1000 से अधिक पुलिसकर्मी दूसरे जिलों से आए हुए हैं और लगातार निगरानी कर रहे हैं.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (CM Basavaraj Bommai) ने शिवमोगा हिंसा को लेकर किसी तरह की टिप्पणी करने से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि जब जांच चल रही है तो इस मामले में टिप्पणी करना सही नहीं है. मुख्यमंत्री ने पुलिस को इस मामले में सख्ती से जांच का आदेश दिया है.
कर्नाटक के गृहमंत्री ने क्या कहा?
कर्नाटक के गृहमंत्री (Karnataka Home Minister) अरागा ज्ञानेंद्र शिवमोगा में एडीजीपी कानून-व्यवस्था आलोक कुमार और कई दूसरे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की है. प्रदेश के गृहमंत्री ने कहा कि किसी को भी किसी भी कीमत पर कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि सावरकर का पोस्टर लगाने में क्या गलत है? उन्होंने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी. उन्होंने कहा कि हम धर्म के आधार पर कुछ भी तय नहीं करते हैं. शांति बनी रहनी चाहिए, हमें राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखनी है. हम गंभीरता से जांच करेंगे ताकि यहां दोबारा ऐसी कोई घटना न हो.
शिवमोगा हिंसा मामले की छानबीन जारी
कर्नाटक (Karnataka) शिवमोगा हिंसा (Shivamogga Violence) मामले में अब तक 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. टीपू सुल्तान के समर्थकों के एक समूह द्वारा टीपू सुल्तान के बैनर लगाने के लिए वीडी सावरकर (Veer Savarkar) के बैनर हटाने की कोशिश के बाद तनाव बढ़ गया था, जिसके बाद इलाके में धारा 144 लागू की गई. इस मामले में गिरफ्तार नदीम और अब्दुल रहमान की आपराधिक हिस्ट्री की पुलिस छानबीन कर रही है. बताया जा रहा है कि नदीम पहले भी सांप्रदायिक हिंसा फैलाने का आरोपी रहा है. पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या हिंसा फैलाने को लेकर पहले से कोई प्लानिंग की गई थी?
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