बेंगलुरुः कोरोना वायरस संक्रमण के देश में बढ़ते मामलों और भय के बीच कर्नाटक में गुरुवार 25 जून से SSLC (Secondary School Leaving Certificate) परीक्षा की शुरुआत हुई. प्रदेश के करीब साढ़े 8 लाख छात्र इन परीक्षा में बैठ रहे हैं. हालांकि प्रदेश में भी संक्रमण के मामलों बढ़ने के बावजूद परीक्षा कराने को लेकर कुछ परिजनों ने विरोध भी किया था. वहीं राजनीतिक दलों ने भी इस कदम को गलत बताया.
वहीं राज्य के शिक्षा मंत्री एस सुरेश कुमार इस दौरान बेंगलुरु के एक परीक्षा केंद्र में इंतजामों की जांच के लिए पहुंचे. इन परीक्षा के आयोजन को लेकर सुरेश कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग के साथ एक याचिका दाखिल की गई है.
देश के कुछ राज्यों में बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने के फैसले के बाद कर्नाटक सरकार के इन परीक्षाओं के आयोजन को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं.
शिक्षा मंत्री के खिलाफ FIR की मांग को लेकर याचिका
न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, सुरेश कुमार के खिलाफ याचिका दाखिल करने वाले आदर्श अय्यर ने कहा कि इन परीक्षाओं के आयोजन से शिक्षा मंत्री ने लाखों छात्रों की जिंदगी को खतरे में डाल दिया है. अय्यर ने कहा कि शिक्षा मंत्री अपनी इस सफलता के लिए राजनीतिक ताकत दिखाना चाहते हों लेकिन वो बच्चों की जिदंगी से खेल रहे हैं.
प्रदेश के 2879 सेंटरों में 8 लाख 48 हजार से ज्यादा परीक्षार्थी इस इम्तिहान में बैठ रहे हैं. इतना ही नहीं, राज्य के कंटेनमेंट जोन में रहने वाले छात्र भी इस परीक्षा में शामिल हैं. ऐसे छात्रों को अलग कमरों में रखा जाएगा.
परीक्षा केंद्रों में रखा जाएगा ध्यान
परीक्षा के आयोजन के लिए सरकार ने स्वास्थ्य और सुरक्षा के इंतजाम का ध्यान रखा है. इसके लिए सभी छात्रों की थर्मल स्क्रीनिंग होगी, जबकि परीक्षा केंद्र के भीतर दो डेस्क के बीच पर्याप्त दूरी का भी ध्यान रखा गया है. ये परीक्षाएं 5 जुलाई तक चलेंगी.
सभी छात्रों को परीक्षा केंद्र में रहने के दौरान मास्क लगाकर रखना होगा. परीक्षा सुबह 10.30 बजे से शुरू होगी, लेकिन छात्रों को 7.30 बजे तक ही पहुंचना होगा, ताकि डिस्टैंसिंग का ध्यान रखते हुए सभी की सही से जांच हो सके.
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