नई दिल्ली: कर्नाटक की 15 विधानसभा सीटों पर आज उपचुनाव हो चुका है. अब हर किसी की नजर टिकी है कि क्या बीएस येदियुरप्पा की सरकार बच पाएगी. उपचुनाव के नतीजे 9 दिसंबर को आएंगे. कर्नाटक में 2018 से बनी सरकार के बाद से हाई वोल्टेज पॉलिटिकल ड्रामा देखा गया. जहां राज्य ने दो दिन के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को भी देखा तो वहीं कुमार स्वामी को सीएम की कुर्सी गंवाते भी देखा. इन उपचुनाव के परिणामों से तय होगा कि कर्नाटक में चार महीने पुरानी बीजेपी सरकार टिकी रहेगी या गिर जाएगी. आपको बता दें कि इन 15 सीटों में से कम से कम सात सीटों पर जीत येदियुरप्पा सरकार के लिए बहुत जरूरी है. आपको बता दें कि कर्नाटक में उपचुनाव अठानी, कगवाड़, गोकक, येलापुर, हिरेकेरूर, रानीबेन्नूर, विजयनगर, चिकबेलापुर, के.आर. पुरम यशवंतपुरा, महालक्ष्मी लेआउट, शिवाजीनगर, होसाकोटे, के.आर. पेटे, हुनसूर सीटों पर हुए हैं.
जिन बागी विधायकों के कारण जेडीएस-कांग्रेस की गठबंधन की सरकार गिरी, बीजेपी ने चुनावी मैदान में उन्हीं विधायकों को अपने टिकट पर उतारा है. इससे पहले बीजेपी पर ही सरकार गिराने के आरोप लगे थे. इन बागी विधायकों के चुनाव लड़ने का रास्ता तब साफ हुआ जब सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अयोग्यता को बरकरार रखते हुए चुनाव लड़ सकने के आदेश दिए थे.
कर्नाटक विधानसभा में कुल 225 सीटें (एक नॉमिनेटेड) हैं. जेडीएस-कांग्रेस के 17 विधायक अयोग्य ठहराए गए थे. 2 सीटों- मस्की और राजराजेश्वरी से संबंधित याचिकाएं कर्नाटक हाई कोर्ट में पेंडिंग हैं. ऐसे में यहां अभी उपचुनाव नहीं हो रहे हैं. यानी उपचुनाव के नतीजों के बाद सदन का वास्तविक संख्याबल 222 होगा. इसमें भी स्पीकर का वोट नहीं पड़ता है. यानी 221 सदस्यों के सदन में बीजेपी को बहुमत साबित करने के लिए 111 विधायकों की जरूरत होगी. बीजेपी के पास विधानसभा में 105 विधायक हैं.
ऐसे में उसे बहुमत के लिए 15 सीटों में से कम से कम 6 सीटें जीतनी होंगी. कांग्रेस के 66 और जेडीएस के 34 विधायक हैं. बीएसपी का भी एक विधायक है. इसके अलावा एक मनोनीत विधायक और स्पीकर हैं. अगर बीजेपी 6 से कम सीटें जीतती है तो उसके लिए सरकार को बचा पाना मुश्किल हो जाएगा और एक बार फिर जोड़-तोड़ की सियासत देखने को मिल सकती है. साफ है 9 दिसंबर को जब नतीजे आएंगे तो उससे पता चल जाएगा कि आखिर बीजेपी की सरकार बच पाती है या नहीं.
यह भी पढ़ें-
हरियाणा के बाद अब दिल्ली में भी बीजेपी के साथ गठबंधन करना चाहते हैं दुष्यंत चौटाला
प्याज के दाम कम होने में लग सकता है 15 से 20 दिन का वक्त- नाफेड