(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
कर्नाटक: मैसूर का नंजनगुड क्यों बन गया है कोरोना वायरस का हॉटस्पॉट?
केवल 5 दिनों के भीतर एक फार्मास्यूटिकल कंपनी के 10 कर्मचारी कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं.साथ ही हर किसी को होम क्वारंटाइन रहने को कहा गया है.
बेंगलुरु: कर्नाटक में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 91 हो गई है. वहीं केवल मैसूर में यह आंकड़ा 12 तक पहुंच गया है. सोमवार को चार नए मामले सामने आए. जिसके बाद ऐसा लगता है मानो मैसूर कोरोना वायरस का हॉटस्पॉट बन गया हो. केवल 5 दिनों के भीतर एक फार्मास्यूटिकल कंपनी के 10 कर्मचारी कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं. इनमें से कोई भी कर्मचारी ना तो विदेश यात्रा पर गया और ना ही विदेश से आने वाले किसी शख्स के संपर्क में आया.
दरअसल कंपनी का एक कर्मचारी 26 मार्च को कोरोना से संक्रमित पाया गया. जिसके बाद जिला प्रशासन ने कंपनी के कर्मचारियों को होम क्वारांटिन रहने और साथ ही फैक्ट्री को बंद करने के निर्देश दिए थे. हालांकि स्वास्थ्य विभाग अभी तक यह गुत्थी नहीं सुलझा पाया है कि कंपनी के कर्मचारी तक यह कोरोना वायरस आखिर फैला कैसे.
इस कंपनी के रॉ मैटेरियल को भी जांच के लिए भेजा गया है क्योंकि बताया जा रहा है कि इस कंपनी का रॉ मैटेरियल चीन से आता है एक कर्मचारी के कोरोना से संक्रमित पाए जाने के बाद पांच अन्य लोगों को संक्रमण की खबरें सामने आई थी और सोमवार को चार और कर्मचारियों को इस वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि की गई है.
एक कंपनी से कुल 10 मामले सामने आने के बाद जिला प्रशासन मैसूर के नंजनगुड को क्लस्टर केस मानकर तमाम एहतियाती कदम उठा रहे हैं. यह पहली बार है जब कोई छोटा सा गांव इस तरह से वायरस की चपेट में आया है. एहतियातन के तौर पर किसी को भी इस गांव के बाहर ना किसी को अंदर आने दिया जा रहा है. और हर किसी को होम क्वारंटाइन रहने को कहा गया है.
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