बैंगलूरु: तमाम उठापटक के बाद आखिरकार कर्नाटक में आज सुबह 9 बजे बीएस येदुरप्पा ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. लेकिन बीजेपी बहुमत के लिए जादुई आंकड़े 112 को नहीं छू पाई है. 104 सीटों के साथ बीजेपी राज्य की नंबर वन पार्टी बनी है. अब येदुरप्पा सरकार को 15 दिनों के अंदर बहुमत साबित करना होगा. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि येदुरप्पा बहुमत के लिए 8 सीटें कहां से लाएंगे.
किसको कितनी सीटें मिली हैं?
कर्नाटक में 104 सीटों के साथ बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. लेकिन बहुमत के जादुई आंकड़े से आठ सीट पीछे है. कांग्रेस को 78 सीटें मिली है और वो दूसरे नंबर की पार्टी बनी है. जबकि जेडीएस को सिर्फ 38 सीटें मिली हैं. बता दें कि कर्नाटक में विधानसभा की 224 सीटें हैं लेकिन चुनाव 222 सीटों पर ही हुआ था. इसलिए अब बीजेपी को बहुमत के लिए 112 सीटें चाहिए.
कैसे बनेगी बीजेपी की सरकार?
बीजेपी के पास अपने 104 विधायक है. अगर निर्दलीय, केपीजेपी, बीएसपी के तीन विधायकों का समर्थन भी बीजेपी को मिल जाता है तो ये आंकड़ा 107 सीट का हो जाएगा. पिछले 24 घंटों से कांग्रेस के चार विधायक लापता हैं. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या लापता ये चारों विधायक बीजेपी के साथ चले जाएंगे. अगर ऐसा हुआ तो बीजेपी के पास आंकड़ा 111 हो जाएगा, जो बहुमत से एक सीट कम होगा. हालांकि ये Anti-defection law के खिलाफ होगा.
कैसे बनेगी कांग्रेस-जेडीएस की सरकार?
कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस को 78 सीटें मिली है और वो दूसरे नंबर की पार्टी बनी है. जबकि जेडीएस को सिर्फ 38 सीटें मिली हैं. कांग्रेस ने राज्य में बीजेपी की सरकार बनने से रोकने के लिए जेडीएस को अपना समर्थन दिया है. कांग्रेस का दावा है कि जेडीएस ने उसका समर्थन स्वीकार कर लिया है. ऐसे में अगर कांग्रेस की 78 और जेडीएस की 38 सीटों को मिला दिया जाए तो कुल आंकड़ा 116 हो जाएगा जो बहुमत के आंकड़े से चार सीटें ज्यादा है.
बता दें कि जेडीएस के कुमारस्वामी अगर मुख्यमंत्री बने तो दूसरी बार वो कम सीट हासिल करने के बाद भी राज्य की कमान संभालेंगे. इससे पहले साल 2004 में भी जेडीएस 58 सीटों के साथ तीसरे नंबर पर थी. बाद में बीजेपी के समर्थन से कर्नाटक में कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने थे.
क्या कहते हैं नियम
परंपरा है कि राज्यपाल पहले सबसे बड़ी पार्टी तो सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करते हैं. हालांकि हाल के ही उदाहरण लें तो गोवा और मणिपुर में राज्यपाल ने सरकार गठन के लिए दूसरी सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने का न्यौता दिया. और इन दोनों जगह पर न्यौता पानी वाली पार्टी विधानसभा में बहुमत साबित करने में कामयाब रही.
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