Karnataka-Maharashtra Border Row: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) ने शनिवार (10 दिसंबर) को कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) को महाराष्ट्र के साथ बढ़ते सीमा विवाद को लेकर राज्य के रुख और तथ्यों से अवगत कराया है. शाह सीमा विवाद से उपजे तनाव में कमी लाने के लिए अगले सप्ताह दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर सकते हैं.
बोम्मई ने यह भी संकेत दिया कि राज्य सरकार सीमा विवाद पर चर्चा के लिए जल्द ही एक सर्वदलीय बैठक बुला सकती है. मुख्यमंत्री का यह बयान सीमा विवाद पर महाराष्ट्र के विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाड़ी (MVA) के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल की शुक्रवार (9 दिसंबर) को शाह से हुई मुलाकात के बाद आया है.
बोम्मई ने मीडिया से कहा, ‘‘मैंने अपने सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल से सोमवार को शाह से मुलाकात करने को कहा है. मैंने खुद भी शाह से बात की है. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि वह सूचना भेजेंगे और अगले दो-तीन दिन में मुझे और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को बुलाएंगे. यह बैठक संभवत: 14 या 15 दिसंबर को होगी.’’
सीमा विवाद पर कोई समझौता नहींः बोम्मई
इससे पहले, बोम्मई ने शुक्रवार रात कहा था कि महाराष्ट्र और कर्नाटक में जारी सीमा विवाद के बीच महाराष्ट्र के एक प्रतिनिधिमंडल के केंद्रीय गृह मंत्री से मिलने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा. उन्होंने जोर देकर कहा कि कर्नाटक सरकार इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा था, ‘‘केंद्रीय गृह मंत्री से महाराष्ट्र के प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात से कोई फर्क नहीं पड़ेगा. महाराष्ट्र ने पहले भी ऐसा किया है. मामला सुप्रीम कोर्ट में है. हमारा वैध मामला शीर्ष अदालत में मजबूत स्थिति में है. हमारी सरकार सीमा मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेगी.’’
राज्यों के पुनर्गठन के बाद शुरू हुआ सीमा विवाद
कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धरमैया के तरफ से सीमा विवाद पर सर्वदलीय बैठक बुलाए जाने की मांग पर बोम्मई ने कहा कि वह सिद्धरमैया और जनता दल सेक्युलर (JDS) के नेता एच डी कुमारस्वामी, दोनों से बात करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कल सिद्धरमैया से बात की और उनसे कहा कि मैं उन्हें आगे के घटनाक्रम के बारे में सूचित करूंगा. मैं सिद्धरमैया और कुमारस्वामी, दोनों से बात करूंगा.’’
कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच सीमा विवाद 1957 में भाषायी आधार पर राज्यों के पुनर्गठन के बाद शुरू हुआ था. हाल के हफ्तों में सीमा को लेकर दोनों राज्यों के बीच तनाव में वृद्धि दर्ज की गई है. महाराष्ट्र और कर्नाटक में एक-दूसरे की बसों को निशाना बनाए जाने तथा बड़ी संख्या में कन्नड़ एवं मराठी समर्थक कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिए जाने की खबरें सामने आई हैं.
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