Bharat Ratan Award: केंद्र सरकार ने मंगलवार (23 जनवरी) को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा की है. कर्पूरी ठाकुर बिहार के पहले गैर कांग्रेस मुख्यमंत्री रहे हैं. कर्पूरी ने दो बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. वह यह सम्मान पाने वाले भारत के 6वें मुख्यमंत्री हैं.
भारत रत्न देने की शुरुआत साल 1954 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने की थी. तब से लेकर अब तक केवल 6 मुख्यमंत्रियों को ही भारत रत्न से सम्मानित किया गया है. आइए अब आपको इन मुख्यमंत्रियों के बारे में बताते हैं.
गोविन्द बल्लभ पन्त
गोविन्द बल्लभ पन्त को 1957 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. वह यह सम्मान पाने वाले पहले मुख्यमंत्री थे. पंत ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था. वहीं, आजादी के बाद वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. उन्होंने किसानों के उत्थान के लिए महत्त्वपूर्ण काम किए.
बिधान चंद्र राय
पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री डॉ. बिधान चंद्र राय को आधुनिक बंगाल का निर्माता माना जाता है. वह 23 जनवरी 1948 में पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बने थे. वह उन गिने चुने लोगों में हैं, जिन्हें भारत में एक साथ एफआरसीएस और एमआरसीपी की डिग्री मिली. उन्हें 1961 में भारत रत्न से नवाजा गया था.
के कामराज
कुमारस्वामी कामराज ने 1954 में मद्रास स्टेट के मुख्यमंत्री का पद संभाला. मद्रास (अब तमिलनाडु) में सीएम के रूप में उनके नौ साल के कार्यकाल को प्रशासन के बेहतरीन दौर के रूप में देखा जाता है. कामराज के नेतृत्व में मद्रास के औद्योगिक और कृषि क्षेत्र का बड़े पैमाने पर विकास हुआ. उन्हें 1976 में भारत रत्न से नवाजा गया था.
एमजी रामचंद्रन
अभिनेता से नेता बने एमजी रामचंद्रन मे 1977 में अपनी पार्टी DMK को सत्ता तक पहुंचाया और खुद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने. वह 1987 में अपनी मृत्यु तक मुख्यमंत्री बने रहे. उन्हें 1988 में भारत रत्न से नवाजा गया.
गोपीनाथ बोरदोलोई
गोपीनाथ बोरदोलोई ने आजादी के लड़ाई में शामिल रहे थे. इस दौरान उन्हें जेल भी जाना पड़ा. 1947 को जब देश आजाद हुआ तो गोपीनाथ बोरदोलोई असम के पहले मुख्यमंत्री बने. उन्हें 1999 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. शिक्षा के महत्व को अच्छी तरह से समझने वाले बोरदोलोई ने गुवाहाटी में 'कामरूप अकादमी' और 'बरुआ कॉलेज' की स्थापना करवाई.