करतारपुर गलियारा: एक साल में 259 करोड़ की कमाई करेगा पाकिस्तान, हर श्रद्धालु से लेगा 1419 रुपये
पाकिस्तान को करतारपुर तीर्थयात्रा से तीन करोड़ 65 लाख डॉलर (करीब 259 करोड़ रुपये) की तक की सालाना आय होने का अनुमान है.
नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान ने करतारपुर साहिब गलियारे को शुरू करने को लेकर समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. अब भारतीय श्रद्धालु करतारपुर साहिब के दर्शन के लिए जा सकेंगे. हालांकि भारत के आग्रह के बावजूद पाकिस्तान तीर्थयात्रियों से 20 डॉलर यानी करीब 1419 रुपये वसूलने के अपने फैसले पर अड़ा रहा. अगले महीने 10 नवंबर से ये गलियारा खोल दिया जाएगा.
हर साल तीन करोड़ 65 लाख डॉलर (259 करोड़) की कमाई का अनुमान पाकिस्तान को करतारपुर तीर्थयात्रा से तीन करोड़ 65 लाख डॉलर तक की सालाना आय होने का अनुमान है. एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि तीर्थयात्रियों से सेवा शुल्क के रूप में पाकिस्तान को सालाना 259 करोड़ रुपए (भारतीय मुद्रा) मिलेंगे. ये पाकिस्तान के लिए विदेशी मुद्रा का अन्य स्रोत होगा.
उन्होंने बताया कि चूंकि पांच हजार तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान के करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब जाने की इजाजत है. इसमें प्रत्येक तीर्थयात्री से रोजाना 20 डॉलर सेवा शुल्क लिया जाएगा. इस हिसाब से प्रति दिन पाकिस्तान को 1 लाख डॉलर की आय होगी.
ये तीर्थयात्रा साल के 365 दिन चलेगी तो पाकिस्तान को इससे 3 करोड़ 65 लाख डॉलर की आय होगी.
भारत और पाकिस्तान के बीच ऐतिहासिक करतारपुर गलियारे को चालू करने संबंधी समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद तीर्थयात्रा पर जाने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण गुरुवार को शुरू हो गए. इस गलियारे के जरिए भारत के सिख श्रद्धालु पाकिस्तान में मौजूद पवित्र दरबार साहिब तक जा पाएंगे.
इस पोर्टल पर कराना होगा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन एक आधिकारिक बयान के अनुसार तीर्थयात्रियों के रजिस्ट्रेशन के लिए आज एक ऑनलाइन पोर्टल (prakashpurb550.mha.gov.in) चालू हो गया. तीर्थयात्रा पर जाने के इच्छुक लोगों को इस पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा और किसी भी दिन वो तीर्थयात्रा पर जा सकते हैं.
तीर्थयात्रियों को एसएमएस के जरिए जानकारी दी जाएगी और यात्रा तिथि से तीन चार दिन पहले ही रजिस्ट्रेशन की पुष्टि करने वाला ई-मेल भेजा जाएगा. उनके लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रैवल ऑथराइजेशन जारी किया जाएगा. बयान में कहा गया कि तीर्थयात्रियों को अपने पासपोर्ट के साथ इलेक्ट्रॉनिक ट्रैवल ऑथराइजेशन भी साथ ले जाना होगा.
अब पाकिस्तान के नरोवाल जिले के गुरुद्वारा दरबार साहिब तक इस गलियारे के जरिए पहुंचा जा सकेगा. गुरुद्वारा दरबार साहिब में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने अपने जीवन के आखिरी 18 साल बिताए थे.