नई दिल्ली: भारत औऱ पाकिस्तान के बीच तैयार करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन में 60 घंटे से भी कम वक्त बचा है लेकिन अब भी कई मुद्दे ऐसे हैं जो दोनों मुल्कों के बीच खटास का सबब बने हुए हैं. पाकिस्तान की तरफ से करतारपुर गलियारे के प्रचार वीडियो में खालिस्तानी भिंडरावाले की तस्वीर से लेकर उद्घाटन समारोह में आपसी तालमेल की कमी जैसे कई सवाल उलझे हुए हैं. आलम यह है कि अभी तक इस बात को लेकर भी तस्वीर स्पष्ट नहीं है कि क्या पाकिस्तान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पंजाब सरकार के मुख्यमंत्री कैप्टन अमिरिंदर सिंह को अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ जाने की इजाजत मिलेगी या नहीं.
सरकारी सूत्रों के अनुसार आयोजन के बारे में स्पष्टता के लिए पाकिस्तान से लगातार आग्रह किया गया. लेकिन अभी तक पाक की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है. चूंकि 9 नवंबर को होने वाले समारोह में सीमा के दोनों तरफ आयोजन होना है. साथ ही इस आयोजन के लिए भारत की तरफ से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, हरसिमरत कौर बादल समेत कई गणमान्य लोग शरीक होंगे. आयोजन के लिए विदेशों से भी लोग आ रहे हैं. ऐसे में बेहतर होगा कि करतारपुर गलियारे के रास्ते जाने वाले वीआईपी व्यक्तियों की सुरक्षा, प्रोटोकॉल की जानकारी साझा की जाए. साथ ही कार्यक्रम इस तरह बनाया जाए ताकि भारत से जाने वाले लोग भी पाक की तरफ होने वाले उद्घाटन समारोह में शरीक हो सकें.
भारत की तरफ से पूछे जाने के बावजूद अभी तक पाक ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह औऱ पंजाब मुख्यमंत्री के सुरक्षा स्टाफ के साथ जाने को लेकर कोई स्पष्टता नहीं दी है. सूत्रों के मुताबिक इस बारे में लगातार पाक से आग्रह किया गया है. इस बारे में भारत की चिंताएं स्वाभाविक हैं क्योंकि अतिविशिष्ट लोगों की सुरक्षा जरूरत है. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को धमकियां भी मिल चुकी हैं. हालांकि, सूत्रों का कहना है कि यदि पाक की तरफ से सुरक्षा कर्मियों के साथ जाने की इजाजत नहीं दी जाती है तो इस बारे में फैसला उनकी सुरक्षा में तैनात एजेंसियों के आकलन के बाद लिया जाएगा.
भारत ने पाकिस्तान को किया आगाह
इतना ही नहीं भारत ने पाक को खालिस्तान समर्थक अलगाववादी तत्वों को लेकर न केवल आगाह किया बल्कि इस बारे में सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चत करने का भी आग्रह किया है. सूत्रों के अनुसार भारत ने पाकिस्तान को बब्बर खालसा, खालिस्तानी लिबरेशन फोर्स औऱ सिख फॉर जस्टिस जैसे आतंकी संगठनों की गतिविधियों की जानकारियां साझा करने के साथ कहा है कि इनसे जुड़े तत्वों को करतारपुर साहिब जैसी सौहार्द्र बढ़ाने वाली योजना से दूर रखा जाए. इस बीच बुधवार को भारत ने करतारपुर परियोजना पर पाकिस्तान की तरफ से जारी आधिकारिक वीडियो में भिंडरावाले जैसी खालिस्तानी आतंकी शख्सियत को शामिल करने पर सख्त विरोध किया है.
मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान को साफ लहजे में यह बताया गया है कि इस तरह की गतिविधियां किसी भी तरह न तो करतारपुर परियोजना के उद्देश्यों के लिए बेहतर है और न संबंध सुधार की कोशिशों के लिए. हालांकि, सूत्र मानते हैं कि पाकिस्तान जिस तरह करतारपुर परियोजना को लेकर बार-बार अपनी मंशा में खोट दिखाता रहा है उससे इसकी आशंका बनी रहती है कि इसके गलत इस्तेमाल की कोशिश हो सकती है इसलिए भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी तरफ सुरक्षा के मुकम्मल इंतज़ाम किए हैं.
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